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COVID-19 Lockdown 3.0 : महाराष्ट्र में फंसे लोग यहां करें रजिस्‍ट्रेशन, सरकार भेजेगी घर

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कोरोना वायरस (CoronaVirus) का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. कई राज्‍यों में भारी संख्‍या में दूसरे राज्‍यों के लोग फंसे हुए हैं.  महाराष्‍ट्र (Maharashtra) में दूसरे राज्‍यों के लोगों की संख्‍या ज्‍यादा है. ऐसे में यह खबर फंसे हुए लोगों को राहत देने वाली है. दरअसल, महाराष्‍ट्र पुलिस https://covid19.mhpolice.in/registration वेबसाइट के जरिए उन लोगों का रजिस्‍ट्रेशन कर रही है, जो राज्‍य के अंदर या राज्‍य से बाहर यात्रा करना चाहते हैं.

इस वेबसाइट पर जाकर यात्रियों को अपना रजिस्‍ट्रेशन कराना होगा. यहां से यात्रियों के लिए ट्रेवल पास जारी होगा. उसके बाद प्रशासन की निगरानी में चयनित यात्रियों को यात्रा करने की इजाजत मिलेगी. महाराष्‍ट्र में कोरोना वायरस के मामले देश में सबसे ज्‍यादा हैं. इसलिए अनिवार्य रूप से सभी यात्रियों की जांच और स्क्रिनिंग होगी. उसके बाद उन्‍हें यात्रा करने की इजाजत मिलेगी.

महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच प्रवासी श्रमिकों के लिए मध्य प्रदेश और गुजरात की सीमाओं तक मुफ्त बस सेवाएं शुरू की है. राज्य परिवहन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि प्रवासी मजदूरों द्वारा अपनी जान जोखिम में डालते हुए राजमार्गों एवं रेल मार्गों पर पैदल ही सफर पर निकल जाने को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है.

अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को औरंगाबाद जिले में मध्य प्रदेश के 16 प्रवासी श्रमिकों की मालगाड़ी से कटकर मर जाने की घटना राज्य सरकार के इस फैसले की मुख्य वजह है. उन्‍होंने बताया कि अगले दो दिनों में महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमाओं तक 300 फेरे लगाएंगी तथा यात्रियों के बीच एक दूसरे से दूरी बनाने के नियम के तहत उनमें आधी सीटें ही भरी जाएंगी.

उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार ने कहा है कि उसकी कई अपील के बावजूद प्रवासी श्रमिक रूके रहने के मूड में कत्तई नहीं हैं. औरंगाबाद में 16 मजदूरों की मौत के बाद राज्य सरकार ने प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष बसें चलाने का निर्णय लिया है.’ अधिकारी ने बताया कि बसें मुंबई के उपनगरीय क्षेत्र बोरिवली से चलेगी और गुजरात सीमा तक जाएगी तथा इसी तरह, उत्तर महाराष्ट्र में नासिक और धुले से रवाना होकर बसें मध्य प्रदेश सीमा तक जाएगी.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रवासी श्रमिकों का भाड़ा का बोझ उठाएगी क्योंकि सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि प्रवासी घर के लिए दुसाध्य यात्रा पर रवाना होकर तथा सड़क एवं राजमार्ग पर पैदल चलकर अपनी जान जोखिम में न डालें.

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