उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार किस कदर अपनी हाबी है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि योगी के गढ़ गोरखपुर में ट्रैफिक सीओ खुद अवैध बसों का संचालन कराने में व्यस्त है। शिकायत में सही पाए जाने पर सीएम योगी ने कड़ा रुख अपनाते हुए ट्रैफिक सीओ को तत्काल सस्पेंड जरूर कर दिया है।लेकिन अब यह देखना होगा कि क्या भ्रष्टाचार पर अब अंकुश लग पाएगा या कुछ दिन केवल स्थिति सामान्य रहने के बाद फिर वही कहानी दोहराई जाएगी ? जब खुद सरकारी महकमे के अधिकारी इसमें शामिल हैं और इनकी सांठ-गांठ से प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। भारतीय समाचार की खबर में भ्रष्टाचारी सीओ ट्रैफिक की काली करतूत की पड़ताल….
भ्रष्टाचारी सीओ को सीएम योगी ने किया निलंबित :
सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में भ्रष्टाचार में लिप्त ट्रैफिक सीओ सन्तोष सिंह की काली करतूत उजागर होने पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तत्काल बाहर का रास्ता दिखाया है। ट्रैफिक सीओ संतोष सिंह पर रंगदारी मांगने और बस संचालक को बेवजह जेल भेजने का आरोप लगा था। इस पर जब भ्रष्टाचार की शिकायत सीएम योगी के पास पहुंची तो उन्होंने तत्काल आईजी रेंज को जांच सौपी। आईजी रेंज की जांच में सीओ को दोषी पाया गया और इस पर बड़ी कार्रवाई करते हुये सीओ सन्तोष सिंह को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया।
दरअसल सीएम योगी ने पैडलेगंज से निजी बसों के संचालन के विवाद और बस मालिक विनय सिंह से रंगदारी मांगने के आरोपीत सीओ ट्रैफिक सन्तोष सिंह के मामले को जांच में संदिग्ध पाया। मामले में जांच के लिये गये आईजी रेंज जय नारायण सिंह ने सीओ ट्रैफिक के गनर से मारपीट का भी आरोप झूठा पाया। इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुये सीएम ने रविवार को सीओ ट्रैफिक संतोष सिंह को संस्पेंड कर दिया। सीओ ट्रैफिक पर यह आरोप सही पाया गया कि उसने अपने रिश्तेदार के कहने पर बस संचालक विनय सिंह के खिलाफ कार्रवाई की थी।
मामला मोहद्दीपुर निवासी बस मालिक विनय सिंह पर हुई कार्रवाई से जुड़ा है। दो दिन पहले बस संचालक विनय सिंह को पुलिस ने सरकारी कार्य में बाधा डालने और रंगदारी वसूलने के फर्जी आरोप में जेल भेजा दिया था। बस मालिक पर यह कार्रवाई सीओ ट्रैफिक संतोष सिंह के निर्देश पर की गई थी। बस संचालक विनय सिंह पर आरोप लगा था कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर सीओ के गनर के साथ मारपीट की थी।
इस मामले में विनय सिंह की पत्नी सीमा सिंह ने गुरु गोरक्षनाथ मंदिर में सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर सीओ ट्रैफिक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और सीएम को प्रार्थना पत्र देकर यह अवगत कराया कि सीओ ट्रैफिक संतोष देवरिया जिले के रहने वाले हैं और उनके रिश्तेदार कल्लू सिंह भी निजी बस चलवाते हैं, जिनके कहने पर उन्होंने पति के खिलाफ अपने गनर और एक अन्य व्यक्ति से झूठा तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज करा कर जेल भिजवा दिया। कैंट थाना क्षेत्र के पैडलेगंज में एक अवैध स्टैंड संचालन और वसूली के विवाद में भी संतोष सिंह का नाम सामने आया है।
सीमा सिंह से मिली जानकारी का संज्ञान लेते हुये सीएम योगी के निर्देश पर आईजी रेंज जय नारायण सिंह ने तत्काल इसकी जांच शुरू की। जांच में कल्लू सिंह के सीओ के रिश्तेदार होने की बात की पुष्टि हुई। इस पर देर शाम आईजी रेंज ने अपनी रिपोर्ट सीएम को सौंपी, जिसके बाद सीओ ट्रैफिक संतोष सिंह को सस्पेंड कर दिया गया ।
( शिवरतन कुमार गुप्ता की रिपोर्ट )