देश में छठ पूजा की तैयारियां जोरों पर है खासकर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में, जहाँ छठ पूजा धूमधाम से मनाई जाती है। चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से प्रारम्भ होकर सप्तमी तक चलता है। इस बार छठ पूजा 11 नवंबर से शुरू होकर 14 नवंबर तक चलेगी। मान्यता है की छठी मईया की आराधना करने वाला संतान सुख से कभी अछूता नहीं रहता और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
नहाय खाय से शुरू होकर चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होता है। बताते हैं कि सूर्य देव और छठी मईया का संबंध भाई-बहन का है। इसलिए छठ पर्व के मौके पर सूर्यदेव की आराधना की जाती है। तो आईये जानतें हैं छठ पूजा से जुड़े विधि विधान…
छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी से होती है और सप्तमी को प्रातःकाल व्रत का समापन होता है। चार दिनों तक चलने वाले इस व्रत की शुरूआत पहले दिन नहाने खाने की विधि होती है। इस दिन से स्वच्छता खास ध्यान रखा जाता है और शाकाहरी भोजन ग्रहण किया जाता है।
दूसरे दिन खरना किया जाता है जिसमे पूरे दिन उपवास रखकर शाम को खीर का सेवन किया जाता है, जो कि गन्ने के रस या फिर गुड़ की बनी होती है। छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। जबकि चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही प्रसाद खाकर व्रत का समापन किया जाता है।