वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि की घोषणा की, जिसमें से 1.07 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए हैं. उन्होंने कहा कि रेलवे मालगाड़ियों के अलग गलियारों के चालू होने के बाद उनका मौद्रिकरण करेगी.
सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान देशभर में आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए रेलवे द्वारा दी गई सेवाओं की सराहना की.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड राशि की घोषणा कर रही हूं, जिसमें से 1,07,100 करोड़ रुपये केवल पूंजीगत व्यय के लिए हैं.’’
सीतारमण ने कहा, ‘‘भारतीय रेलवे ने भारत-2030 के लिए एक राष्ट्रीय रेल योजना तैयार की है. इस योजना का मकसद 2030 तक रेलवे प्रणाली को भविष्य के लिए तैयार करना है, ताकि उद्योग के लिए लॉजिस्टिक लागत को कम किया जा सके और मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिले.’’
उन्होंने उम्मीद जताई कि पूर्वी और पश्चिमी माल गलियारों (ईडीएफसी और डब्ल्यूडीएफसी) जून, 2022 तक चालू हो जाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा भी कुछ पहल प्रस्तावित हैं. ईडीएफसी पर 263 किलोमीटर के सोननगर-गोमो खंड को इस साल सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) में लिया जाएगा. साथ ही 274.3 किलोमीटर के गोमो-दनकुनी खंड को भी इसमें शामिल किया जाएगा.’’
वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे भविष्य की मालभाड़ा गलियारा परियोजनाओं – खड़गपुर से विजयवाड़ा के लिए पूर्वी तट गलियारा, भुसावल से खड़गपुर के लिए पूर्व-पश्चिम गलियारा और इटारसी से विजयवाड़ा तक उत्तर-दक्षिण गलियारा पर काम आगे बढ़ाएगी.
सीतारमण ने कहा कि पहले चरण के तहत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जाएगी.
उन्होंने यात्री सुविधा और सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि रेलवे यात्रियों के बेहतर यात्रा अनुभव के लिए बेहतर ढंग से डिजाइन किए गए विस्टाडोम एलएचबी कोच लगाएगा.