प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश को ‘पड़ोस प्रथम’ नीति का प्रमुख स्तम्भ बताते हुए कहा कि बांग्लादेश के साथ संबंधों में मजबूती और गहराई लाना उनकी विशेष प्राथमिकता रही है तथा Covid-19 के कठिन समय में दोनों देशों के बीच अच्छा सहयोग रहा है.
मोदी ने बांग्लोदश की समकक्ष शेख हसीना के साथ ऑनलाइन शिखर वार्ता में यह बात कही. दोनों देशों के बीच तेजी से बढ़ते सहयोग के अनुरूप भारत और बांग्लादेश ने हाइड्रोकार्बन, कृषि, कपड़ा और सामुदायिक विकास जैसे विविध क्षेत्रों में सात समझौतों पर हस्ताक्षर किये. इसके साथ ही सीमापार चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल सम्पर्क को बहाल किया गया जो 1965 तक परिचालन में था.
चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल सम्पर्क को बहाल करने से असम और पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश के लिये सम्पर्क को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. यह कोलकाता से सिलीगुड़ी के बीच 1965 तक मुख्य ब्राडगेज सम्पर्क का एक हिस्सा था.
मोदी और हसीना ने संयुक्त रूप से बांग्लादेश के संस्थापक मुजीबुर रहमान और महात्मा गांधी पर एक डिजिटल प्रदशर्नी का उद्घाटन किया.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘ बांग्लादेश हमारी ‘पड़ोस प्रथम’ नीति का एक प्रमुख स्तम्भ है. बांग्लादेश के साथ संबंधों में मजबूती और गहराई लाना मेरे लिए पहले दिन से ही विशेष प्राथमिकता रही है.’’ उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि वैश्विक महामारी के कारण यह वर्ष चुनौतीपूर्ण रहा है. लेकिन संतोष की बात है कि इस कठिन समय में भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छा सहयोग रहा.
मोदी ने कहा कि चाहे वो दवाइयों या चिकित्सा उपकरण या फिर चिकित्सा पेशेवरों का एक साथ काम करने का विषय हो, हमारा सहयोग अच्छा रहा है. टीका के क्षेत्र में भी हमारे बीच अच्छा सहयोग चल रहा है. इस सिलसिले में हम आपकी आवश्यकताओं का भी विशेष ध्यान रखेंगे.
वहीं, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा, ‘‘ भारत एक सच्चा दोस्त है.’’ हसीना ने कहा, ‘‘ मैं भारत के कोविड-19 से निपटने के तरीके की सराहना करना चाहती हूं, उम्मीद है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में भारत महत्वपूर्ण योगदान देगा.’’
दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ भूमि सीमा कारोबार में बाधाओं को हमने कम किया. दोनों देशों के बीच सम्पर्क का विस्तार किया गया तथा नए साधनों को जोड़ा गया. यह सब हमारे संबंधों को और मजबूत करने के हमारे इरादों को दर्शाता है.’’
मोदी ने कहा, ‘‘ यह मेरे लिए गर्व की बात है कि आज आपके साथ बंगबंधु के सम्मान में एक डाक टिकट का विमोचन, और बापू और बंगबंधु के ऊपर एक डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन करने का मौका मिल रहा है. मैं आशा करता हूँ कि बापू और बंगबंधु की प्रदर्शनी हमारे युवाओं को प्रेरणा देगी, इसमें विशेष खंड को कस्तुरबा गाँधी जी और पूजनीय बंगमाता जी को भी समर्पित किया गया है. ’’