संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनाव में भारत को भारी समर्थन हासिल हुआ है और देश बहुपक्षीय प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए नेतृत्व देता रहेगा और नया मार्ग प्रशस्त करेगा.
सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट के लिए हुए चुनाव में संयुक्त राष्ट्र महासभा में 192 मत पड़े जिनमें से 184 मत भारत के पक्ष में रहे. भारत का दो वर्ष का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा. भारत को आठवीं बार संयुक्त राष्ट्र की इस महत्वपूर्ण संस्था में सदस्यता मिली है. इसमें पांच स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य हैं.
चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद तिरुमूति ने एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें कहा, ‘‘मुझे बहुत खुशी है कि भारत 2021-22 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर चुना गया है. हमें भारी समर्थन हासिल हुआ और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने भारत पर जो भरोसा जताया है उससे मैं अभीभूत हूं.’’ इससे पहले भारत 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 तथा 2011-2012 में परिषद का अस्थायी सदस्य बना था.
तिरुमूर्ति ने कहा कि सुरक्षा परिषद में भारत का चुना जाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘‘सोच’’ और उनके प्रेरणादायी वैश्विक नेतृत्व खासकर कोविड-19 के दौर में, का साक्षी है.उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक महत्वपूर्ण मोड़ पर सुरक्षा परिषद का सदस्य बन रहा है और हमें विश्वास है कि कोविड संकटकाल में और कोविड के बाद की दुनिया में भारत बहुपक्षीय प्रणाली को नयी दिशा तथा नेतृत्व देगा.’’
भारत के अलावा आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे ने भी बुधवार को हुए सुरक्षा परिषद चुनाव में जीत हासिल की. कनाडा चुनाव हार गया.चुनाव में 192 सदस्य देशों ने मतदान किया और जीत के लिए 2/3 बहुमत यानि 128 मतों की आवश्यकता थी.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने ट्वीट किया, ‘‘सदस्य देशों ने 2021-22 के लिए भारत को अस्थायी सदस्य के तौर पर भारी समर्थन से चुना। भारत को 192 मतों में से 184 मत हासिल हुए.’’संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य हैं चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका.