चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारत अपनी सशस्त्र सेनाओं का पुनर्गठन कर उनका आकार छोटा करने तथा अधिक प्रभावी बनाने की प्रक्रिया में है. रावत ने कहा, सेना को आज के समय में लड़ी जाने वाली लड़ाई के लिए भी तैयार किया जा रहा है. इसमें साइबर हमले, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध कौशल और कृत्रित बुद्धिमत्ता जैसी नई तकनीक से भी सेनाओं को लैस किया जा रहा है. जनरल बिपिन रावत ने कहा भारतीय सशस्त्र सेनाओं के बीच बेहतर समन्यवय और एकीकृत क्षमता बढ़ाने पर भी बल दिया जा रहा है.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारत का ध्यान रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है. हमारा फोकस क्षेत्रीय शक्ति बनने पर केंद्रित है. जनरल रावत ने कहा कि अब युद्ध करने का तरीका तेजी से बदल रहा है. यही कारण है कि अब सेनाओं को आज के समय में लगी जाने वाली जंग के हिसाब से तैयार होने की जरूरत है. सेना सीमा पर घुसपैठ समेत कई मोर्चे पर चनौती का सामना कर रहा है. रावत ने कहा कि देश की सशस्त्र सेनाओं को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए.
जनरल रावत ने कहा भारत के निजी उद्योग क्षेत्र को देश के सशस्त्र बलों की अभियान संबंधी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तथा उत्पाद मुहैया कराने की दिशा में काम करना होगा. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष और साइबर के क्षेत्र अब देश की सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हो चुके हैं.
भारतीय सेना इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) नेतृत्व और मार्गदर्शन में आगे बढ़ रही है. चुनौती के इस समय में देश तथा सशस्त्र बलों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए निजी उद्योगों को सहभागिता के साथ आगे बढ़ना होगा. (Source : News 18)