नई रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V की पहली खेप 1 मई को भारत को मिलने जा रही है.रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड के प्रमुख किरील दिमित्रीव ने इस बात की जानकारी दी है. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि इस खेप में वैक्सीन के कितने डोज शामिल होंगे. ग़ौरतलब है कि सरकार ने 1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने का फैसला किया है.
दिमित्रीव ने कहा ‘पहले डोज 1 मई को डिलीवर होंगे.’ उन्होंने संभावना जताई है कि रूस की तरफ से मिलने वाली इस सप्लाई से भारत में कोरोना से जंग में मदद मिलेगी. RDIF ने 5 बड़े भारतीय निर्माताओं से सालाना 85 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज तैयार करने का समझौता किया है. रूप विश्व स्तर पर स्पूतनिक 5 की मार्केटिंग कर रहा है. संभावना जताई जा रही है कि भारत में जल्द ही स्पूतनिक 5 का उत्पादन शुरू हो सकता है. शुरुात में 5 करोड़ डोज प्रतिमाह का अनुमान है, जिसे आने वाले समय में बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
फिलहाल भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है. ऐसे में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के चरमराने से मुश्किलें और बढ़ गई हैं. हालांकि, अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी समेत कई देश भारत की मदद के लिए आगे आए हैं. इन देशों ने तत्काल भारत को मदद भेजने का फैसला किया है. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारत में बिगड़े कोविड हालात पर चिंता जताई है. साथ ही डब्ल्युएचओ ने मदद और एक्सपर्ट्स भेजने की बात कही है.
दुनिया की पहली आर्टिफिशियल सैटेलाइट की तरह ही रूस ने वैक्सीन का नाम स्पूतनिक 5 रखा है. यह एडीनोवायरस आधारित वैक्सीन है, जिसका इस्तेमाल मॉस्को में बड़े स्तर पर टीकाकरण के लिए किया जा रहा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतन ने कहा है कि उनकी एक बेटी इस वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुकी है. साथ ही इस वैक्सीन को 59 दशों में अनुमति मिल चुकी है. फिलहाल भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में तैयार हुई ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल की अनुमति मिली है.