सुरक्षा एजेंसियों ने लेफ्टिनेंट उमर फयाज की हत्या को अंजाम देने वाले 6 आतंकियों की पहचान होने का दावा किया है। साथ ही उनका दावा है कि इस घटना के बाद कश्मीर में स्थानीय आबादी के बीच हमारे लिए समर्थन बढ़ा है। हत्या के पीछे हिज्बुल मुजाहिदीन का हाथ होने का शक है। मुमकिन है कि हत्या में हाल में सुरक्षा बलों से लूटे गए हथियारों का इस्तेमाल किया गया हो। फयाज के शरीर पर दो गोलियों के जख्म हैं।
यहां सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि हत्या करने में जिन छह आतंकवादियों का हाथ सामने आया है, उन्हें जल्दी ही पकड़ लिए जाने की उम्मीद है। कश्मीर के हालात पर लगातार नजर रख रहे एक अफसर ने बताया कि उमर की हत्या ने कश्मीरी समाज को झकझोर दिया है और स्थानीय लोग हमारे साथ आ रहे हैं, जिसके कारण हमें सफलता मिलने जा रही है। लेफ्टिनेंट फयाज को दफनाने के दौरान पथराव की घटनाओं को इससे जुड़ा होने से इनकार करते हुए सूत्रों ने कहा कि यह जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है।
लेफ्टिनेंट उमर फयाज 9-10 मई की रात को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में मृत पाए गए थे। वह छुट्टी पर थे और रिश्तेदार के यहां शादी में शामिल होने गए थे। बताया गया है कि वह नैशनल डिफेंस अकैडमी में होने के दौरान फयाज कई बार छुट्टी पर घर गए थे, लेकिन कभी जान का खतरा होने की जानकारी नहीं दी थी। लेफ्टिनेंट उमर फयाज की अपने गांव में ईमानदारी के लिए काफी प्रतिष्ठा थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि आतंकवादियों ने उन्हें फौज छोड़कर अपने साथ जुड़ने का लालच दिया और नहीं मानने पर उनकी हत्या कर दी।
फिलहाल सेना में छुट्टियों पर जाते वक्त सामान्य अडवाइजरी दी जाती है, लेकिन अब इस पर विशेष फोकस रह सकता है। सेना ने कहा है कि इस घटना के बाद आतंकवादियों की संभावना वाले इलाकों को घेरकर सर्च करने का अभियान तेज किया जाएगा। करीब 15 बरसों के बाद घाटी में हाल में पहली बार शोपियां में इस तरह का अभियान चलाया गया था। लेकिन अब इसे कुलगाम, त्राल, पुलवामा, बडगाम में भी चलाया जाएगा। इसका मकसद आतंकवादियों को निकालना है। जरूरत पड़ी तो इसके लिए और सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा।