पूर्वी अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत की एक जेल पर आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट का हमला सोमवार को भी जारी रहा. साथ ही अब तक इस हमले में 21 लोग मारे जा चुके हैं. जेल में इस आतंकवादी समूह के सैकड़ों सदस्य भी बंद हैं.
एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि इस हमले में अब तक 43 लोग घायल हो चुके हैं. नंगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में रविवार शाम को तब हमला शुरू हुआ था जब इस्लामिक स्टेट के एक आत्मघाती बम हमलावर ने विस्फोटक से लदे अपने वाहन को जेल के गेट से टकरा दिया. उसके बाद कई हमलावर गोलियां चलाने लगे.
नंगरहार प्रांत के गर्वनर के प्रवक्ता अताउल्ला खोग्यानी ने बताया कि तीन हमलावर मारे गए हैं. सोमवार को भी यह संघर्ष जारी है और जेल परिसर में रूक-रूक कर गोलीबारी हो रही है. खोग्यानी ने बताया कि मृतकों में जेल के कुछ कैदियों के अलावा आम नागरिक, जेल के गार्ड और अफगान सुरक्षा कर्मी शामिल हैं. पुलिस को संदेह है कि कुछ आतंकवादी समीप के रिहायशी परिसरों में पहुंच गये हैं जिससे उनका सफाया करना मुश्किल हो रहा है. खोग्यानी के अनुसार सुरक्षाबल बड़ी सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं ताकि आम नागरिक हताहत न हों.
बख्तरबंद गाड़ियों से आये अफगान सुरक्षा और रक्षा बल के कर्मियों ने जेल को घेर लिया है. यह जेल गवर्नर कार्यालय से महज 700 मीटर दूर है. सैनिक सोमवार को छिटपुट गोलीबारी के बीच लोगों को वहां से निकालते रहे. हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट समूह से संबद्ध एक संगठन ने ली है जिसे खुरासान प्रांत में आईएस के नाम से जाना जाता है. इस आतंकवादी संगठन का मुख्यालय नंगरहार प्रांत में है
जेल पर हमले का कोई कारण अभी साफ नहीं है. एक अधिकारी के अनुसार इस मुठभेड़ का फायदा उठाकर कुछ कैदी भाग भी गये. जेल में 1,500 कैदी बंद हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में आईएस से जुड़े हैं. खोग्यानी ने बताया कि पहले करीब 100 कैदी भाग गये थे लेकिन सुरक्षाबल उन्हें शहर में ढूंढ कर वापस ले आये थे. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अभी कोई कैदी फरार है.
अफगान खुफिया एजेंसी ने एक दिन पहले ही बताया था कि अफगान विशेष बलों ने जलालाबाद के निकट आईएस के एक शीर्ष आतंकी कमांडर को मार गिराया है. तालिबान के राजनीतिक प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने ‘एपी’ को बताया कि जलालाबाद जेल हमले में उनका समूह शामिल नहीं है. अमेरिका ने तालिबान के साथ फरवरी में शांति समझौता किया था.
उन्होंने कहा, ‘’ हमारा संघर्ष विराम चल रहा है और देश में कहीं भी इस तरह के हमले में हम शामिल नहीं हैं.’’ तालिबान ने ईद के मद्देनजर शुक्रवार से तीन दिन के संघर्ष विराम का ऐलान किया था.