चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता का सोमवार देर रात को निधन हो गया। रविवार को आये हार्ट अटैक के बाद उनकी हालत नाजुक बनी हुयी थी। सोमवार रात 11.30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। अपोलो अस्पताल ने प्रेस रिलीज जारी कर उनके निधन की आधिकारिक पुष्टि की है। जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है।
अपोलो अस्पताल की तरफ से रविवार को जारी बयान में जयललिता को कार्डिएक अरेस्ट होने की बात कही गई थी। जयललिता को ईसीएमो और लाइफ स्पोर्ट सिस्टम्स पर रखा गया था। डॉक्टर लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए थे। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद जयललिता को बचाया नहीं जा सका। जयललिता को दिल का दौरा पड़ने के बाद उनकी सलामती के लिए पूरे देश से दुआओं का दौर जारी था। जयललिता को बुखार और डिहाइड्रेशन की शिकायत के बाद 22 सितंबर को अस्पताल में भर्ती किया गया था।
तमिलनाडु की राजनीति में ‘अम्मा’ के नाम से मशहूर जयललिता का जन्म 24 फरवरी 1948 को एक रूढ़िवादी तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। जन्म के समय जयललिता को उनकी दादी का नाम कोमलावल्ली दिया गया था। छह बार तमिलनाडु की सीएम रहीं जयललिता को शुरुआती लोकप्रियता एक नेता के तौर पर नहीं बल्कि ऐक्ट्रेस के तौर पर मिली थी। जयललिता ने चेन्नै में क्लासिकल म्यूजिक, वेस्टर्न क्लासिकल पियानो और कई तरह के क्लासिकल डांस की ट्रेनिंग ली थी। तमिल सिनेमा में नाम कमा चुकीं जयललिता का राजनीतिक करियर 1982 में शुरू हुआ। दक्षिण भारत की राजनीति के आइकॉन और एआईएडीएमके के संस्थापक मरुदुर गोपालन रामचंद्रन 1982 में जयललिता को राजनीति में लेकर आए थे।
एआईएडीएमके में कई उतार-चढ़ाव के बाद भी जयललिता तमिलनाडु की राजनीति में कद्दावर नेता बनकर उभरीं। जयललिता 1991 में पहली बार कांग्रेस की मदद से तमिलनाडु की सबसे कम उम्र की सीएम बनीं। इसके बाद जयललिता ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2016 के विधानसभा चुनावों में जयललिता ने सत्ता परिवर्तन की परिपाटी को ध्वस्त कर दिया था और जयललिता के नेतृत्व में एआईएडीएमके ने कांग्रेस और डीएमके के गठबंधन को धूल चटा कर 134 सीटें जीतने में सफल रही। जीत के बाद जयललिता छठी बार राज्य की सीएम बनी थीं।