हिन्दू धर्म में चार नवरात्र होते हैं, जबकि सार्वजनिक तौर से दो नवरात्र चर्चित हैं। लेकिन विद्वतजन देवी माँ की आराधना हेतु बाकी दो गुप्त नवरात्रों का बेसब्री से इंतजार करते रहते हैं। शारदीय नवरात्र का यह महापर्व आज से शुरू हो रहा है। जिसमें शक्ति स्वरूपा माँ आदि शक्ति जगदम्बा की विशेष आराधना देवी भक्त अविरल करेंगे। इस वर्ष पूरे नौ दिन चलने वाले नवरात्र व्रत का समापन 18 अक्टूबर गुरुवार को श्रवण नक्षत्र में हो रहा है। माँ पराम्बा इस नवरात्र घोड़े सहित रथ में सवार होकर आ रही हैं जो नेष्ट फलकारक होगी, तो वहीँ माता जी का प्रस्थान हाथी पर हो रहा है जो अति शुभफलकारक है।
इस शुभ संयोग की घड़ी में देवी माँ की आराधना देवी भक्तों के लिए अतिफलदाई है। माँ आद्रवन लेहड़ा वाली,नौतनवा माँ बनैलिया माता मन्दिर, चौक जंगल क्षेत्र की सोनाड़ी देवी मन्दिर, खुटहा बाजार की समय माता मन्दिर, पकड़ी जंगल की बोकड़ा देवी मन्दिर, चेहरी फार्म की रक्तहिया देवी माँ की मन्दिर सहित जिले की सभी सिद्ध शक्तिपीठों पर देवी भक्तों की भीड़ बढ़ गई है। जिले की सभी शक्ति पीठों को एल.ई.डी.बल्बों की सतरंगी झालरों एवं रंग बिरंगी फूलों से दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। मन्दिर परिसर में सजी नारियल,चुंदरी और पूजा सामग्री की दुकानें मन को एक बारगी तो मोह ले रही हैं।मानो धरती पर माँ जगत जननी साक्षात पधार चुकी हैं। अबकी बार इस नौ दिन के नवरात्र में शहर से लेकर गांव तक जहाँ देवी मन्दिरों की सजावट की तैयारियां अंतिम दौर में हैं, तो वहीं चहुंओर उत्सव का माहौल एक नया आध्यात्मिक छटा बिखेर रहा है।दुर्गा पूजा पाण्डाल से जुड़ी कमेटियां पूजा पण्डाल को सजाने में अंतिम रूप दे रहे हैं।
युवाओं की टोली पैदल गई लेहड़ा देवी के दर्शन करने:-
नवरात्र शुरू होने की पूर्व सन्ध्या पर व्रतधारी एवं मन्नत वाले युवकों की टोली पैदल मार्च करते हुए अपने घरों से निकल आद्रवन लेहड़ा वाली मैय्या के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे। अंधेरी रातों में युवकों के जय माता दी एवं खुटहा की समय माता की जय,लेहड़ा वाली मैय्या की जय के गगनभेदी नारों ने एक बारगी अंधेरे को चीरते हुए भक्ति का अहसास कराया।
( शिवरतन कुमार गुप्ता (राज़) की रिपोर्ट )