भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान एक साइबर अटैक अभियान चला रहा है जिसे ऑपरेशन साइडकॉपी नाम दिया गया है. इस साइबर अटैक अभियान में भारतीय रक्षा बल (Indian defence forces) के अधिकारियों को निशाना बनाकर उनके कंप्यूटर से रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण डाटा चुराने का प्रयास किया जा रहा है. चीन को इस काम में पाकिस्तानी हैकर मदद कर रहे हैं.
क्वीक हील (Quick Heal) की साइबर सिक्योरिटी आर्म सेक्राइट (Seqrite) के शोधकर्ताओं ने भारत सरकार को यह जानकारी दी है. सेक्राइट के शोधकर्ताओं के मुताबिक, ऑपरेशन साइडकॉपी को चीन फंड कर रहा है और इस अभियान के तहत पाकिस्तानी हैकर ग्रुप ट्रांसपेरेंट ट्राइव (Transparent Tribe) भारत में सैन्य जानकारियां, इंफ्रास्ट्रक्टर प्रोजेक्ट्स रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण डाटा हैक करने का प्रयास कर रहा है.
ऑपरेशन साइडकॉपी साइबर अटैक में पाकिस्तान और चीन के हैकर भारतीय रक्षा विभाग के अधिकारियों को कोई फिशिंग ई-मेल (phishing emails) भेजता है या कोई रिमोट एसेस मालवेयर (remote access malware) से उनके कंप्यूटर को हैक कर गोपनीय जानकारी चुराने की कोशिश करता है. क्वीक हील सिक्योरिटी लैब्स (Quick Heal Security Labs) के डायरेक्टर हिमांशु दुबे ने कहा कि ऑपरेशन साइडकॉपी के साथ वर्ष 2019 से ही हैकर गोपनीय जानकारियां चुराने के लिए साइबर अटैक कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये अटैक भारत को टागरेट करके किए जा रहे हैं और रक्षा संबंधित गोपनीय जानकारी चुराने का प्रयास किया जा रहा है.
हिमांशु दुबे के मुताबिक़ हैकिंग के इन प्रयासों के पीछे डाटा चोरी मुख्य मकसद है. इसमें हैकर जाने-पहचान के ईमेल एड्रेस और फाइल नेम से एक फीशिंग ई-मेल भेजता है जिसमें अटैचमेंट होता है. जैसे ही कोई यूजर इस अटैचमेंट पर क्लिक करता है तो यह डाउनलोड होकर कंप्यूटर में घुसपैठ करता है और गोपनीय जानकारियों की चोरी करता है. ये फिशिंग ईमेल भारतीय रक्षा अधिकारियों को टागरेट करके भेजे जाते हैं जिनके पास रक्षा संबंधी गोपनीय जानकारियां होती हैं. क्वीक हील के डायरेक्टर हिमांशु दुबे ने कहा कि ऑपरेशन साइडकॉपी साइबर अटैक में पाकिस्तान और चीन का हाथ है. इसका मॉड्यूल पाकिस्तानी हैकर ग्रुप ट्रांसपेरेंट ट्राइव से मेल खाता है. इसकी फंडिंग चीन करता है.