ओहियो के वैपाकोनेटा में जन्मे नील आर्मस्ट्रांग (Neil Armstrong) चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति थे. इनका जन्म 5 अगस्त 1930 में हुआ था. नील आर्मस्ट्रांग ने 20 जुलाई 1969 को चांद की सतह पर पहला कदम रखा था. नील आर्मस्ट्रांग को अगस्त 2012 में दिल की सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, सर्जरी के बाद कुछ परेशानियां होने के कारण 25 अगस्त 2012 में उनकी मौत हो गई थी.
अपोलो 11 चंद्र मिशन कमांडर नील आर्मस्ट्रांग ने एक अनुसंधान उड़ान के बाद एक्स -15 रॉकेट-संचालित विमान के बगल में खड़े होकर तस्वीर खिंचवाई थी.
नील आर्मस्ट्रांग ने कोरियाई युद्ध के दौरान 78 युद्ध अभियानों को भी उड़ाया और 1955 में वह नेशनल एडवाइजरी कमेटी फॉर एरोनॉटिक्स (NACA) में शामिल हो गए, जिसे बाद में नासा ड्राइडन फ्लाइट रिसर्च सेंटर का नाम दिया गया.
नील आर्मस्ट्रांग अपोलो 11 मिशन के तीन अंतरिक्ष यात्रियों में से एक थे. ये दुनिया के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने चांद पर कदम रखा था.
अंतरिक्ष यात्री होने के अलावा नील आर्मस्ट्रांग ने 1949 और 1952 के बीच नौसेना के एक एविएटर के रूप में भी कार्य किया था.
सिनसिनाटी में हैमिल्टन काउंटी प्रोबेट कोर्ट के दस्तावेज के अनुसार 2014 में हुए समझौते के पैसे आर्मस्ट्रांग के परिवार के दस सदस्यों को दिए गए थे. इनमें उनके दो बेटे, बहन, भाई और छह नाति-पोते शामिल थे. हालांकि, इनकी पत्नी कैरोल को समझौते का एक भी पैसा नहीं मिला था.