इस साल फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में कथित भूमिका के आरोप में पुलिस ने रविवार देर रात जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को गिरफ्तार किया है. खालिद की गिरफ्तारी अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट यानी यूएपीए के तहत हुई है. इससे पहले भी उमर खालिद के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि निषेध कानून के तहत एक मामला दर्ज किया जा चुका है. आज उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा.
दरअसल, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोधी और समर्थकों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे. जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि 200 के करीब घायल हुए थे.
उमर खालिद महाराष्ट्र में अमरावती के तालेगांव का रहने वाला बताया जाता है. लगभग तीन दशक पहले खालिद का परिवार दिल्ली आकर बस गया था. उमर खालिद साल 2016 में उस समय चर्चा में आया, जब जेएनयू में हुई कथित देशविरोधी नारेबाजी में उसका नाम कन्हैया कुमार के साथ देशद्रोह के मामले में सामने आया था. 9 फरवरी 2016 को देश विरोधी और आतंकी अफजल गुरु के समर्थन में नारे लगाने के आरोप में उमर खालिद, कन्हैया कुमार और अनिर्बान के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दायर किया गया था. पुलिस ने इन तीनों को गिरफ्तार भी किया लेकिन बाद में कोर्ट से जमानत मिल गई थी.
यही नहीं, इससे पहले भी उमर का नाम कई तरह के विवादों में आ चुका है. जेएनयू कैंपस में अपने कुछ साथियों के साथ हिंदू देवी देवताओं की आपत्तिजनक तस्वीरें लगाकर नफरत फैलाने के मामले में आया था. उमर कई मौकों पर कश्मीर की आजादी की मांग भी उठा चुका है.
साल 2010 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ जवानों की हत्या के बाद जश्न मनाने वाले लोगों में उमर भी शामिल था. 26 जनवरी 2015 को ‘इंटरनेशनल फूड फेस्टिवल’ में उमर ने कश्मीर को एक अलग देश दिखाने की कोशिश की थी.