मनी लॉन्ड्रिंग केस भगोड़ा घोषित किए जा चुके शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को लंदन हाइकोर्ट (London High Court) से आज एक बड़ा झटका लगा है. लंदन के रॉयल कोर्ट आफ जस्टिस में लॉर्ड जस्टिस स्टीफन इर्विन और जस्टिस एलिजाबेथ लाइंग के दो सदस्यीय बेंच ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है.
विजय माल्या ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसी साल फरवरी महीने में 64 वर्षीय माल्या ने यह याचिका दायर की थी. भारत में कई बैंकों से माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा उधार लिए गए 9,000 करोड़ रुपये के वित्तीय अपराधों के लिए विजय माल्या वांटेड है.
Liquor tycoon Vijay Mallya loses his High Court appeal in UK against his extradition order to India
— Press Trust of India (@PTI_News) April 20, 2020
आपको बता दें कि माल्या ने 31 मार्च को अपने ट्वीट में कहा था, ‘मैंने बैंकों को लगातार उनके पूरे पैसे चुकाने के लिए ऑफर किया है. न तो बैंक पैसे लेने में तैयार रहे हैं और ना ही प्रवर्तन निदेशालय संपत्तियों को छोड़ने के लिए. काश! इस समय वित्त मंत्री मेरी बात को सुनतीं.’
ग़ौरतलब है कि भारत में प्रत्यर्पण के संबंध में अप्रैल 2017 में माल्या को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, इसके बाद तुरंत बेल मिल गयी. इसके बाद अक्टूबर 2017 में ही एक बार फिर गिरफ्तार किया गया. यह गिरफ्तारी प्रर्वतन निदेशालय के एक एफिडेविट के आधार पर की गई थी. दिसंबर 2018 में यूके कोर्ट ने विजय माल्या को प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया. इसके बाद प्रीवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रिंग कोर्ट ने विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था.