भोपाल :मध्यप्रदेश एटीएस ने आरोपियों से अहम जानकारियां हासिल की हैं। ये गिरफ्तारियां भोपाल, सतना और ग्वालियर जिलों से हुई हैं। एटीएस के मुताबिक इन लोगों की गतिविधियों पर काफी समय से नजर रखी जा रही थी। ये सभी आरोपी संवेदनशील जानकारियां आईएसआई को लीक करते थे। छापेमारी के दौरान एटीएस को मौके से भारी मात्रा में चाइनीज उपकरण और अलग-अलग कंपनियों के सिम कार्ड भी मिले।
एटीएस की जांच में पता चला है कि ये आरोपी आईएसआई के जासूसों के फोन कॉल जम्मू-कश्मीर में तैनात सेना के जवानों के पास सैटेलाइट कॉल की तरह भेजते थे। ये जासूस खुद को सेना का वरिष्ठ अधिकारी बताकर जवानों से खुफिया जानकारी जुटाने की कोशिश करते थे।
इसके पहले एनआईए ने पिछले साल फरवरी में भोपाल से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संदिग्ध एजेंट एजेंट अजहर इकबाल को गिरफ्तार किया था। जब कि उसके बाद सितंबर में लखनऊ एटीएस ने आईएसआई एजेंट जमालुद्दीन महज को धर दबोचा था ।
वहीँ इसके साथ ही आईएसआई समर्थित पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को गुप्त सूचना भेजने वाले वायुसेना के बर्खास्त अधिकारी रंजीत केके ने दिल्ली पुलिस के सामने ये बात कबूल की है कि उसने ग्वालियर के महाराजपुरा वायुसेना स्टेशन पर संचालित 10-टेट्रा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में दस माह की ट्रेनिंग ली थी और इस दौरान उसने एयरबेस की रेकी की थी। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद और मध्य प्रदेश के विदिशा में रहने वाले मुनव्वर सलीम के पीए फरहत को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।