‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून बनाने के लिए मध्यप्रदेश की मंत्रिपरिषद ने शनिवार को ‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020’ को मंजूरी दे दी है. इस कानून में अधिकतम 10 साल की सजा एवं एक लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मध्यप्रदेश के कानून एवं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया, ‘‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 को शनिवार को मंत्रिपरिषद ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी है.’’ उन्होंने कहा कि इस विधेयक को विधानसभा के आसन्न सत्र में पेश किया जाएगा और इसके विधानसभा में पारित होते ही 1968 वाला धर्म स्वातंत्र्य विधेयक समाप्त हो जाएगा. मिश्रा ने बताया कि इसमें 19 प्रावधान हैं.
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति दूसरे को प्रलोभन, धमकी एवं बल पूर्वक विवाह के नाम पर अथवा अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा अन्यथा उसका धर्म परिवर्तन अथवा धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा. उन्होंने कहा कि इसके बाद कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन किए जाने का दुष्प्रेरण अथवा षड़यंत्र नहीं कर सकेगा.
मिश्रा ने बताया कि इस कानून का उल्लंघन करने पर एक से 10 साल की सजा एवं अधिकतम एक लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने इस विधेयक को काफी कठोर बनाने की कोशिश की है.