मध्यप्रदेश में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गयी है. जानकारी के मुताबिक़ 1250 से ज़्यादा गांव प्रभावित हुए हैं. जबकि करीब 6,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. तो वहीं 1950 लोगों के बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे होने की बात सामने आ रही है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ने ग्वालियर एवं चंबल संभाग के ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, मुरैना और श्योपुर जिलों के लगभग चार दर्जन गाँवों का हवाई दौरा कर जायजा लिया. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि शिवपुरी और ग्वालियर के बीच रेल सेवा और मुरैना में दूरसंचार सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं और बुधवार को हेलीकॉप्टरों से बचाव कार्य शुरु किया गया जबकि मंगलवार को खराब मौसम के कारण बचाव कार्य प्रभावित हुए थे.
उन्होंने ने कहा, ‘‘ प्रदेश के उत्तरी हिस्से में बाढ़ की स्थिति गंभीर है. शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, गुना, भिंड और मुरैना जिलों के 1125 गांव प्रभावित हुए हैं.’’ चौहान ने बताया कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल ने मिलकर बाढ़ में फंसे 240 गांवों से 5,950 लोगों को निकालने में सफलता हासिल की है. उन्होंने कहा कि 1950 लोग अब भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे हैं और उन्हें बचाने के प्रयास जारी हैं.
इसी बीच, मध्य प्रदेश गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने बताया कि प्रदेश के कम से कम 1,281 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और बुधवार शाम तक बाढ़ में फंसे 6,220 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि पानी घटते ही जल्द से जल्द क्षति का आंकलन करें, जिससे प्रभावित लोगों को राहत दी जा सके. उन्होंने अति वृष्टि एवं बाढ़ से अधोसंरचना को हुए नुकसान का आंकलन करने के निर्देश भी दिए. साथ ही, उन्होंने कहा कि यदि राहत और बचाव कार्यों के लिये किसी मदद की जरूरत हो तो बताएँ, सरकार द्वारा इसकी पूर्ति की जायेगी.
शिवराज चौहान ने कहा कि बचाव अभियान को संयुक्त रूप से जिला प्रशासन, पुलिस, थल सेना, वायुसेना, सीमा सुरक्षा बल, एनडीआरइएफ, एसडीआरइएफ, होमगार्ड और वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से अंजाम दिया जा रहा है. उन्होंने कहा,” हालांकि सिंध, पार्वती एवं कूनों नदी का जल स्तर घटा है, फिर भी जल भराव एवं बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है. मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी दी है. इसलिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. लोगों को फिर से निचले क्षेत्र में न जाने दें. साथ ही जिन घरों के आस-पास पिछले दिनों से पानी भरा है उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाएँ.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत शिविरों में अस्थायी रूप से जिन लोगों का पुनर्वास किया गया है वहाँ पर भोजन-पानी और आवास इत्यादि की बेहतर से बेहतर व्यवस्था रहे. उन्होंने कहा कि उन्होंने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात की और उन्हें प्रदेश में बाढ़ की स्थिति से अवगत कराया.