महाराष्ट्र पुलिस ने बच्चों की अश्लील फिल्मों का निर्माण करने और इंटरनेट पर उन्हें प्रसारित करने के सिलसिले में पिछले 18 महीनों में 105 लोगों को गिरफ्तार किया है और 213 मामले दर्ज किए हैं. महाराष्ट्र साइबर के पुलिस अधीक्षक संजय शिन्त्रे ने बताया कि ये मामले पिछले 18 महीनों में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा साझा “टिपलाइन रिपोर्ट’ के आधार पर दर्ज किए गए.
बाल पोर्नोग्राफी की “टिपलाइन रिपोर्टें” अमेरिका स्थित राष्ट्रीय गुमशुदा एवं शोषित बच्चों के केंद्र (एनसीएमईसी) द्वारा वेबसाइटों, सर्च इंजनों और सोशल मीडिया मंचों की निगरानी के बाद तैयार की जाती है. यह बताया गया था कि एनसीएमईसी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की मदद से नियमित रूप से भारत के एनसीआरबी के साथ रिपोर्ट साझा करता है, जो इसे सभी राज्यों की साइबर पुलिस के साथ साझा करता है.
रिपोर्टों में उन आईपी एड्रेस एवं स्थानों की जानकारी होती है जहां अश्लील सामग्रियों का उपयोग किया जाता है और इसके आधार पर फिर साइबर पुलिस आरोपियों का पता लगाती है.
पुलिस के अनुसार, महाराष्ट्र साइबर ने राज्य में बाल पोर्नोग्राफी पर नकेल कसने के लिए 2019-20 में ‘ऑपरेशन ब्लैकफेस’ शुरू किया था. 11,122 “टिपलाइन रिपोर्ट” में से, सबसे अधिक 5,699 रिपोर्ट पुणे को भेजी गई, उसके बाद 4,496 मुंबई, 364 ठाणे, 302 नागपुर और 90 औरंगाबाद तथा अन्य को भेजी गई.
अधिकारी ने बताया कि इन रिपोर्टों के आधार पर महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा नागपुर पुलिस ने 38 अपराध दर्ज किए हैं. ऑपरेशन ब्लैकफेस के तहत, महाराष्ट्र साइबर उन जिलों की पहचान कर रहा है, जहां से बाल पोर्नोग्राफी से संबंधित सामग्री प्रसारित की जा रही है.
पुलिस ने बताया कि पिछले 18 महीनों में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के प्रावधानों के तहत कम से कम 213 अपराध दर्ज किए गए हैं और 105 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.