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महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू का क़हर, परभणी, मुम्बई और ठाणे में हुई मामलों की पुष्टि

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महाराष्ट्र के परभणी, मुम्बई, बीड़ और दापोली में विभिन्न पक्षियों की मौत भोपाल की प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट के आधार पर एविएन इंफ्लूएंजा से होने की पुष्टि हुई है. राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवारक को यह जानकारी दी.

राज्य के पशुपालन विभाग के सचिव अनुप कुमार ने बताया कि अंडे या मुर्गे का मांस खाना ‘बिल्कुल सुरक्षित’ है क्योंकि यह वायरस इतने तापमान को नहीं झेल पाता, ऐसे में लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि बर्ड फ्लू के कारण इंसान के संक्रमित होने की स्थिति ‘दुर्लभतम’ है.

अधिकारी ने कहा कि विभाग पॉल्ट्री फार्मों पर जैव सुरक्षा उपाय बढ़ायेगा ताकि जंगली पक्षियों के साथ कोई संपर्क नहीं हो.

सुबह में परभनी के जिलाधिकारी दीपक मुगलीकर ने बताया था कि मुरुम्बा गांव के पॉल्ट्री फार्म में पिछले कुछ दिनों में करीब 900 मुर्गियों की मौत बर्ड फ्लू के कारण होने की पुष्टि हुई है तथा जिला प्रशासन ने गांव में करीब 8,000 पक्षियों को मारने का फैसला किया है.

कुमार ने बताया कि पशुपालन विभाग ने अपनी कार्ययोजना लागू करना पहले ही शुरू कर दिया है और पक्षियों को मारने का काम मंगलवार को शुरू होगा.

उन्होंने बताया कि परभनी के संक्रमित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायर में 8000-10000 पक्षियों को मारा जाएगा.

भोपाल के आईसीएआर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सेक्युरिटी एनीमल डिजीज के अनुसार मुम्बई में दो कौवे बर्ड फ्लू से मर गये. उसकी रिपोर्ट के अनुसार ठाणे के तीन बगुले और एक तोता एच5एन1 एवियन इंफ्लूएंजा से संक्रमित थे.

भोपाल के इसी संस्थान के मुताबिक इसके अलावा, परभनी के एक मुर्गे और दो बगुले की तथा बीड़ एवं दापोली के कौवे एच5एन1 एंवियन इंफ्लुएंजा से संक्रमित थे.

कुमार ने कहा, ‘‘ हमारी कार्ययोजना का क्रियान्वयन शुरू हो गया है. हम शाम को मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे के साथ) समीक्षा बैठक करेंगे.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम अपनी रणनीतियों पर मुख्यमंत्री की राय लेंगे और कल से खासकर परभनी में पक्षियों को मारना शुरू करेंगे जहां कुक्कुट पक्षी संक्रमित पाये गये हैं.’’

उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी एवं वन विभाग समेत सरकारी मशीनरी अलर्ट है.

जालना में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि राज्य में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के मद्देनजर उनका विभाग अलर्ट है लेकिन डरने की बात नहीं है, लोग बस सावधानी बरतें एवं सुरक्षित रहें.

पहले, मुगलीकर ने कहा था , ‘‘बर्ड फ्लू के कारण मौत होने की पुष्टि हुई है, इसलिए हमने उस स्थान के एक किलोमीटर के दायरे में पक्षियों को मारने का फैसला किया है, जहां मुर्गियों की मौत हुई है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘जिस स्थान पर पक्षियों की मौत हुई है, हमने उसके 10 किलोमीटर के दायरे को प्रतिबंधित क्षेत्र बना दिया है. वहां से किसी पक्षी को बाहर नहीं भेजा जाएगा. हमारी चिकित्सकीय टीम वहां मौजूद है और वह गांव के सभी लोगों की जांच कर रही है.’’

मुगलीकर ने कहा कि घबराने की आवश्यकता नहीं है और जिला प्रशासन सभी सावधानियां बरत रहा है.

इस बीच ठाणे नगर निगम ने स्थिति की निगरानी के लिए एक नियंत्रण कक्ष बनाया है और लोगों से शहर में बर्ड फ्लू का कोई भी मामला आने पर रिपोर्ट करने का आह्वान किया हैं.

आपको बता दें कि केरल, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में बर्डफ्लू के मामलों की पुष्टि हुई है.

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