महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज भंडार ज़िला अस्पताल का निरीक्षण करेंगे. दरअसल ज़िला अस्पताल में बच्चों के वार्ड में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की जिंदा जलकर मौत हो गई है. इन बच्चों की उम्र एक दिन से लेकर 3 महीने तक की थी.आपको बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पहले ही घटना की जांच के आदेश दे चुके हैं.
10 नवजात बच्चों की जिंदा जलकर मौत होने के बाद अब महाराष्ट्र सरकार अस्पतालों के लिए नए नियमामवली बनाने की बात कर रही है. वहीं हादसे में मारे गए बच्चों के परिजनों का कहना है कि उन्होंने अस्पताल की लापरवाही से अपने नवजात बच्चों को खोया है, उनके दर्द की भरपाई अब किसी भी तरह से नहीं हो सकती है.
फिलहाल इतने गंभीर मामले में अभी तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिसे लेकर विपक्ष लगातार उद्धव सरकार पर हमला बोल रहा है. हालांकि महाराष्ट्र सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. वहीं 10 बच्चों की मौत के बाद सीएम उद्धव ठाकरे की सरकार विरोधियों के निशाने पर बनी हुई है. मामले में बीजेपी हाईलेवल जांच की मांग उठा रही है.
सीएम उद्धव ने भंडारा में मारे गए बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये देने का ऐलान किया है. अस्पतालों में नवजात बच्चों को रखने वाली जगहों का ऑडिट किए जाने का भी आदेश दिया गया है. महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के अनुसार मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और मासूम बच्चों की मौत के जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.
बता दें कि आईसीयू वार्ड में कुल 17 बच्चे मौजूद थे, इनमें से 10 को नहीं बचाया जा सका. ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने दरवाजा खोला और कमरे में चारों तरफ धुआं देखा, तो उन्होंने तुरंत अस्पताल के अधिकारियों को बताया. जिसके बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने अस्पताल में लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया.
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