महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार सुबह विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) विधायकों को सत्तापक्ष के शिंदे गुट में विवाद छिड़ गया और बाद में उनके बीच धक्का-मुक्की तक हो गई. विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एमवीए विधायकों ने शिंदे गुट के कुछ विधायकों को घेर लिया, जिसके बाद दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हो गई.
शिंदे गुट के विधायक दिलीप लांडे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अमिल मितकारी ने एक-दूसरे को धक्का दिया और हाथापाई की. शिंदे समूह के विधायकों ने भी शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के आरोपों का विरोध करने के लिए अपने ही नारे और पोस्टर लहराते हुए पलटवार किया, जिससे सदन के बाहर शोर-शराबा हुआ. शिंदे गुट के विधायकों ने जवाब में कहा, “बीएमसी खोके, मातोश्री ओके, (सचिन) वाजे खोके, शिवसेना ओके, लवासा खोके, बारामती ओके.”
इससे एक दिन पहले शिंदे ने विपक्ष को चेतावनी दी थी कि वह उन लोगों के रिकॉर्ड को उजागर कर सकते हैं, जो उन्हें और उनके शिवसेना के बागी विधायकों के समूह को निशाना बना रहे हैं. इस पर विपक्ष के नेता अजीत पवार ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीएम के बयानों से विपक्ष को ठेस पहुंचा है.
विपक्ष ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित शिंदे सरकार को ‘गद्दार’, ’50 करोड़ रुपये, बहुत ठीक’, ‘तव वटी, चाओ गुवाहाटी’ (कटोरा लो, गुवाहाटी जाओ) और ‘ईडी जिसकी मम्मी, वो सरकार निकम्मी’ जैसे नारों के साथ परेशान किया. 17 अगस्त को विधानसभा सत्र की शुरुआत के बाद से रोजाना विरोध और नारेबाजी चलती रही है, जिसे व्यापक मीडिया कवरेज मिलता रहा है.