Covid-19 वैश्विक महामारी के कारण स्कूलों के बंद होने से जब सुविधाओं से वंचित बच्चों के लिए शिक्षा हासिल करना मुश्किल हो गया है, ऐसे में महाराष्ट्र के लातूर के जिला परिषद स्कूल के एक शिक्षक ने उन्हें मुफ्त में ऑनलाइन पढ़ाने की एक पहल शुरू कर एक नई उम्मीद जगाई.
साइनाथ माने पिछले सात महीने से निलंगा तहसील के बुजुर्गवाड़ी गांव में अन्य शिक्षकों के साथ मिलकर ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं. महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों के पांचवी से नौंवी कक्षा तक के करीब 150 छात्र नियमित कक्षाओं में शामिल हो रहे हैं.
माने ने कहा, ‘‘ स्कूल बंद होने के बाद कई गरीब छात्र अपनी शिक्षा को लेकर चिंतित हो गए थे. मैंने शुरू में केवल अपने स्कूल के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की थीं. इन बच्चों ने दूसरे बच्चों को भी इस पहल के बारे में बताया. अब नांदेड़, बीड, नासिक, सिंधुदुर्ग, पुणे और मुंबई के विभिन्न जिलों के छात्र नियमित रूप से कक्षाओं में शामिल हो रहे हैं.’’
उन्होंने बताया कि हर दिन करीब साढ़े तीन घंटे कक्षाएं ली जाती हैं. आधे घंटे उन्हें केवल अंग्रेजी सिखाई जाती है. ‘‘काफी कम समय में बच्चे अच्छी अंग्रेजी बोलने लगे हैं.’’ माने ने कहा, ‘‘ मेरे छात्रों के अभिभावक खुश हैं. वे हमें कहते हैं कि भले ही फीस लें, पर कक्षाएं जारी रखें. हम उनसे किसी चीज की उम्मीद नहीं करते क्योंकि हमारा लक्ष्य केवल छात्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है.’’