कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार महा शिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि में भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे. इसीलिए महा शिवरात्रि को भगवान शिव के जन्मदिन के रूप में जाना जाता है और श्रद्धालु शिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से जीवन में सुख और शांति आती है.
शिव पुराण के अनुसार, मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत करके भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं. जीवन की मुश्किलें दूर होती हैं.इस दिन सूर्योदय से पहले उठें. स्नान करें. भगवान शिव का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें.
1. शिवलिंग पर जल, घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि अर्पित करें. बाबा भोलेनाथ को बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाएं.
2. ऊं नम: शिवाय मंत्र का लगातार जप करें.
3. भगवान शिव के साथ माता पार्वती की आरती भी करें.
4. भगवान को लगाए जाने वाले भोग में कुछ मीठा जरूर शामिल करें.
मासिक शिवरात्रि मुहूर्त
पौष, कृष्ण चतुर्दशी
प्रारम्भ -14:32, जनवरी 11
समाप्त – 12:22, जनवरी 12