असम में ब्रह्मपुत्र सहित प्रमुख नदियों का जल स्तर कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के कारण शुक्रवार को बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई तथा राज्य के 17 जिले में 67,000 से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन के अनुसार, शुक्रवार को बाढ़ से 67,689 लोग प्रभावित हुए, जबकि इससे एक दिन पहले प्रभावित लोगों की संख्या 41,000 थी।
इसमें बताया गया कि शुक्रवार को बाढ़ के कारण किसी की मौत होने की सूचना नहीं मिली और कुल मृतक संख्या सात बनी हुई है।
बुलेटिन में बताया गया कि प्रभावित जिलों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है और इनमें बक्सा, बिस्वनाथ, बोंगाईगांव, चिरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, जोरहाट, कोकराझार, लखीमपुर, माजुली, नागांव, नलबाड़ी, शिवसागर तामुलपुर और तिनसुकिया शामिल हैं। इससे एक दिन पहले प्रभावित जिलों की संख्या 10 थी।
धुबरी और तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी तथा गोलकगंज में बेकी, बूढ़ी दिहिंग और संकोश नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है।
तड़के अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद भूटान की सीमा से लगे पश्चिमी असम के जिलों को अलर्ट पर रखा गया है।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दिन में ट्वीट किया था कि प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पानी को द्वारों के माध्यम से सावधानीपूर्वक छोड़ा जा रहा है, लेकिन पड़ोसी देश में मौसम की परिस्थितियों में सुधार होने के कारण छोड़े गए पानी की मात्रा संभवत: ज्यादा नहीं होगी।
जिला प्राधिकारियों ने 78 राहत शिविर और वितरण केंद्र स्थापित किए हैं, जिनमें 4,531 लोगों ने शरण ली है। राज्य में 2,770 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है जबकि 49,535 जानवर भी प्रभावित हुए हैं।
माजुली में एक तटबंध क्षतिग्रस्त हो गया तथा बारपेटा, चिरांग, धुबरी, गोलाघाट, लखीमपुर, माजुली, शिवसागर और सोनितपुर जिलों में 18 सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं।
बुलेटिन में बताया गया है कि बारपेटा, बोंगाईगांव, धुबरी, कोकराझार, शिवसागर और तामुलपुर में भी बड़े पैमाने पर कटाव की सूचना मिली है।