मुंबई में नकली बिलों के आधार पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) का करीब साढ़े 11 करो़ड़ रुपये का रिफंड लेने के मामले का खुलासा हुआ है. इस मामले में योगेश जगदीशप्रसाद कनोडिया को महाराष्ट्र वस्तु एवं सेवा कर विभाग ने मुंबई के कांदिवली इलाके से गिरफ्तार किया है.
लोकसत्ता में छपी खबर के मुताबिक योगेश ने यश फैब्रिक्स, गणेश टेक्सटाइल, जे. के. फैब्रिक्स और कृष्णांश एंटरप्राइजेस नाम से कारोबारी संस्थाओं का नकली कागजातों के जरिये पंजीकरण करवाया. इसके बाद प्रत्यक्ष रूप से खरीदी बिक्री का कोई भी लेन-देन न करते हुए नकली बिल इस संस्थाओं के नाम से तैयार की गई.
योगेश ने करीब 175 करोड़ रुपये के नकली बिल दिलिप टिबरेवाल से लिये। उसके द्वारा उसने 11 करोड़ 54 लाख रुपये का जीएसटी रिफंड प्राप्त किया. इसके अलावा इन संस्थाओं के जरिये योगेश द्वारा दर्शाये गये 185 करोड़ रुपये के लेन-देन में से 119 करोड़ रुपये के खरीदी-बिक्री के लेन-देन प्रत्यक्ष रूप से कभी हुए ही नहीं है ऐसा जांच में सामने आया है.
इस माध्यम से उनसे करीब 9 करोड़ रुपये का जीएसटी रिफंड प्राप्त किया था. इस मामले में दिलिप को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था. उसकी जांच करने के बाद इस बात का खुलासा हुआ और योगेश को भी गिरफ्तार किया गया.