संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा महिलाओं के प्रति भेदभाव (Convention on the Elimination of All Forms of Discrimination Against Women-CEDAW) को ख़त्म करने एवं महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए 1971 में अपनाए गए विधेयक पर मुंबई के सेंट अर्नोल्ड नाइट डिग्री कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स (St. Arnold’s Night Degree College of Arts and Commerce), स्वामी विवेकानंद नाइट कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स (Swami Vivekanand Night College of Arts and Commerce), और बी.एम रुइया गर्ल्स कॉलेज (B.M. Ruia Girls’ College), के तत्वधान में एक वर्चूअल परिचर्चा का आयोजन किया.
इस दौरान भारतीय महिलाओं की चिंताओं और पिछले 40 वर्षों में CEDAW के लिए NAWO के योगदान, देश में महिलाओं की वर्तमान स्थिति, रोजगार के क्षेत्र और कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ हो रहा भेदभाव एवं उत्पीड़न, शादी और मातृत्व को लेकर महिलाओं के साथ हो रहा अन्याय और महिलाओं के उत्पीड़न को लेकर चर्चा हुई.
कार्यक्रम की शुरुआत सेंट अर्नोल्ड कॉलेज की प्राचार्य प्रो सुनीता शर्मा (Prof. Sunita Sharma, Principal, St. Arnold’s Night Degree College) ने की. इसके बाद बी.एम रुइया गर्ल्स कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ संतोष कौल काक (Dr. Santosh Kaul Kak) और स्वामी विवेकानंद नाइट कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स की प्रिंसिपल डॉ अनुजा एन पलसुलेदेसाई (Dr. Anuja N.Palsuledesai) ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए.
पैनल डिस्कशन का संचालन टीआईएसएस और एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय (TISS & SNDTWU) की पूर्व प्रोफ़ेसर विभूति पटेल ने किया. जब कि सम्मानित वक्ताओं में पैनल डिस्कशन के प्रख्यात वक्ताओं में पंजाब विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट कम सेंटर फॉर वुमन स्टडीज एंड डेवलपमेंट के प्रोफेसर प्रोफेसर पाम राजपूत भारतीय संस्कृति संस्थान के निदेशक डॉ एस.एम माइकल और महिला शक्ति कनेक्ट की निदेशक गायत्री शर्मा भी शामिल थी. पैनलिस्टों का परिचय प्रो सुनीता शर्मा, डॉ नूरुजिया काजी और डॉ सुमंत औताडे ने किया.
इस दौरान प्रतिभागियों से डॉ अनीता जैकब ने प्रश्न एवं उत्तर सत्र का संचालन किया,जबकि कार्यक्रम का समापन डॉ सुमंत औताडे ने धन्यवाद ज्ञापन से किया.