वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सरकार पीपीएफ तथा एनएससी जैसी छोटी बचत योजनाओं में की गई बड़ी कटौती वापस लेगी.
हालांकि, माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल, असम और तीन अन्य राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में भाजपा को किसी नुकसान से बचाने के लिए ब्याज दरों में कटौती का निर्णय वापस लिया गया.
दरअसल छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी।
सीतारमण ने बृहस्पतिवार सुबह ट्वीट किया, ‘‘भारत सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में थी, यानी जो दरें मार्च 2021 तक थीं। पहले दिया गया आदेश वापस लिया जाएगा।’’
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, पीपीएफ पर ब्याज 0.7 प्रतिशत कम कर 6.4 प्रतिशत जबकि एनएससी पर 0.9 प्रतिशत कम कर 5.9 प्रतिशत कर दी गयी थी। लघु बचत योजनाओं पर ब्याज तिमाही आधार पर अधिसूचित की जाती है।
ब्याज में सर्वाधिक 1.1 प्रतिशत की कटौती एक साल की मियादी जमा राशि पर की गयी थी। इस पर ब्याज 5.5 प्रतिशत से कम करके 4.4 प्रतिशत करने का फैसला किया गया था।