भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सोमवार को कहा कि संप्रग सरकार में मनरेगा योजना (MGNREGA) “लूट ” का पर्यायवाची थी, लेकिन मोदी सरकार ने इसे कामगारों के लिए प्रभावी और उपयुक्त बनाया. पार्टी ने कांग्रेस (Congress) के दावे को खारिज किया कि यह ” सबसे प्रभावी योजना ” थी.
भाजपा की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब कांग्रेस ने मांग की की थी कोरोना वायरस संकट की वजह से मांग को पूरा करने के लिए “कांग्रेस की योजना” को व्यापक बनाया जाए. कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने एक अंग्रेजी दैनिक में लिखे लेख में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act-MGNREGA) की अहमियत को रेखांकित किया और इसे लाने के लिए अपनी पार्टी को श्रेय दिया.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी (abhishek manu singhvi) ने कहा कि योजना ने साबित किया है कि वह दुनिया का सबसे बड़ा सामाजिक कल्याण कार्यक्रम है और स्पष्ट रूप से यह सबसे ज्यादा प्रभावी सरकारी योजना है. इस दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने कहा कि मोदी सरकार ने मनरेगा को और प्रभावी बनाया है और इसमें से भ्रष्टाचार खत्म किया है.
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) ने एक बयान में कहा कि मोदी सरकार के छह साल के कार्यकाल में मनरेगा के तहत 3.95 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के 10 साल के शासनकाल में 1.75 लाख रुपये आवंटित किए गए थे.
उन्होंने कहा कि प्रवासी कामगारों (Migrant Labour) को राहत देने के लिए भाजपा सरकार ने 40,000 करोड़ रुपये योजना के तहत आवंटित किए हैं, जो 2020-21 के बजट में पहले से ही आवंटित 61,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त हैं.
हुसैन ने कहा, “मनरेगा पर कुछ कहने से पहले, सोनिया गांधी और कांग्रेस नेताओं को मनरेगा के तहत आंवटित कोष को देखना चाहिए। रोजगार गारंटी योजना संप्रग कार्यकाल में लूट का पर्यायवाची बन गई थी.” उन्होंने कहा कि कांग्रेस को लोगों ने ‘‘दरकिनार’’ कर दिया है और अपने आपको प्रासंगिक बनाने के लिए वह झूठे आरोप लगा रही है.