नवरात्रि में माता के सभी रूपों की पूजा की जाती है. भक्तगण विधि विधान से मां दुर्गा की उपासना करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि पान के पत्तों से देवी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. जी हाँ, दरअसल प्राचीनकाल से ही पान का पत्ता काफी पवित्र माना गया है. शरीर को विषमुक्त बनाने और औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में भी इसका उल्लेख मिलता है.
जानकार बताते हैं कि नवरात्रि के दौरान पान के पत्ते से देवी की पूजा करने से भक्तों की सभी मुरादें पूरी होती हैं, लेकिन पान के पत्तों का प्रयोग करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. जैसे कि पान का पत्ता पूरा होना चाहिए और इसमें डंठल लगी होनी चाहिए. पान का पत्ता कहीं से भी कटा-फटा न हो. पूजा और प्रयोग के लिए हरे पान का पत्ता ही प्रयोग करें.
वहीं अगर विवाह में देरी हो रही है तो पान के पत्तों से देवी की उपासना विशेष फल देता है। इसके लिए सिन्दूर को घी में मिलाकर पेस्ट बना लें. पान के पत्ते पर चिकनी तरह इस पेस्ट से अपना नाम लिखें. इसको चिकनी तरफ से ही देवी को अर्पित करें. ये प्रयोग नवरात्रि में लगातार तीन दिन करें.
धन-संपदा और वैभव की प्राप्ति के लिए नवरात्रि में रोज शाम को मां लक्ष्मी की कपूर से आरती करें. इसके बाद पान के पत्ते पर गुलाब की पंखुड़ियां रखकर उन्हें अर्पित करें. नवरात्रि के बाद ये प्रयोग हर पूर्णिमा की रात्रि को करते रहें.