सिवनी जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर वैनगंगा नदी पर बना एक पुल रविवार को बाढ़ में बह गया. पुल का निर्माण एक महीने पहले ही करीब तीन करोड़ रुपए की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पूरा हुआ था और इसका लोकार्पण नहीं हुआ था. सिवनी के कलेक्टर डॉ. एफ राहुल हरिदास ने कहा कि पुल के बहने के मामले में जांच की जाएगी.
उन्होंने कहा कि बरबसपुर हरदुली-सुनवारा सड़क में इस साल जुलाई में यह पुल बनकर तैयार हुआ था. करीब डेढ़ सौ मीटर लंबा पुल जोरदार बारिश व भीमगढ़ बांध से पानी छोड़े जाने के बाद वैनगंगा नदी में आई बाढ़ में बह गया है. हरिदास ने बताया कि दो साल पहले इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जिसका अभी लोकार्पण भी नहीं हुआ था.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बांध से पानी छोड़े जाने के बाद नदी के निचले हिस्से में आई बाढ़ के कारण पुल के 10 फुट ऊपर तक पानी बहने लगा था. वैनगंगा नदी के प्रचंड वेग को पुल नहीं झेल सका. पुल का ऊपरी हिस्सा (स्लैब) बाढ़ के पानी के साथ बह गया. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, इस पुल के नीचे खड़े किए गए टी गार्डर भी बाढ़ में ध्वस्त हो गए.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश से प्रदेश में आठ लोगों की मौत हुई है और विनाशकारी बाढ़ की चपेट में आये 12 जिलों के 454 गांव के 7,000 से अधिक लोगों को बचाया गया है.
उन्होंने कहा कि बाढ़ में फंसे 40 गांवों के लगभग 1200 और लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वायुसेना सहित अन्य बचाव दल कर्मियों ने इस बाढ़ में फंसे इन गांवों के 7,000 से अधिक लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाके से सुरक्षित निकाला है.