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केरल में फैली “निफा” की दहशत, जानिए क्या है लक्षण और बचाव ?

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जहाँ एक तरफ कर्नाटक की सियासत सुर्ख़ियों में छाई हुयी है। वहीँ दूसरी तरफ केरल के एक अजीबोगरीब और खतरनाक वायरस के चलते खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं। सूत्रों के मुताबिक इस वायरस का नाम निफा वायरस बताया जा रहा है, जिससे अब तक केरल के कोझीकोड इलाके में कई लोगों की मौत हो चुकी है। जो कि अपने आप में एक चौकाने वाला मामला है। तो वहीँ अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्लूएचओ की रिपोर्ट पर गौर करें तो निफा एक ऐसा वायरस है जो चमगादड़ों के कारण फैलता है। 20 साल पहले 1998 में पहली बार मलेशिया में निफा वायरस सुर्ख़ियों में था। यह वायरस सबसे पहले मलेशिया के कांपुंग सुंगई निफा नाम के इलाके में पाया गया था जिससे इसका नाम निफा वायरस रखा गया।

लेकिन अब निफा वायरस का प्रकोप केरल में भी देखने को मिल रहा है। बताया जाता है कि यह वायरस चमगादड़ से फलों में आता है और व्यक्ति या जानवर के द्वारा वही फल खाने से यह वायरस इंसानों और जानवरों के शरीर में प्रवेश कर जाता है।

वहीँ अगर आकड़ों पर गौर करें तो 1998 में मलेशिया के बाद यह वायरस 1999 में  सिंगापुर पहुंचा और 2004 में बांग्लादेश की धरती पर लेकिन अब इस वायरस का प्रकोप केरल के कुछ इलाकों में देखने को मिल रहा है । निफा वायरस के चलते व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत, दिमाग में जलन महसूस होना, तेज बुखार, सिर दर्द के साथ थकान और मेंटल कंफ्यूजन जैसे हालातों का सामना करना पड़ सकता है ।

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