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नीतीश कुमार ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा, विधानसभा भंग करने की सिफारिश की

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बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उनकी मंत्रिपरिषद के त्यागपत्र को स्वीकृति प्रदान करते हुए अगली मंत्रिपरिषद के गठन तक उन्हें पद पर (कार्यवाहक मुख्यमंत्री) बने रहने को कहा. राज्यपाल सचिवालय के बयान से यह जानकारी मिली है.

इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया. राजभवन सचिवालय के बयान के अनुसार, बिहार मंत्रिपरिषद के निर्णय के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुशंसा पर राज्यपाल ने भारत के संविधान प्रदत्त अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए विधानसभा को आज विघटित कर दिया है.

इसमें कहा गया है कि, ‘‘ राज्यपाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके मंत्रिपरिषद के त्यागपत्र को स्वीकृति प्रदान करते हुए अगली मंत्रिपरिषद के गठन तक उन्हें और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों को अपने अपने पद पर बने रहने का अनुरोध किया है. ’’

इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में निवर्तमान कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें राज्य विधानसभा भंग करने की सिफारिश की गई.

राजभवन सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें इस्तीफा सौंपा. इससे पहले राज्य कैबिनेट की बैठक में नीतीश कुमार ने सभी मंत्रियों को धन्यवाद दिया.

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मंत्रियों के कार्यों को हमेशा याद रखा जायेगा.हाल ही में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में राजग को बहुमत प्राप्त हुआ है और समझा जाता है कि राजग औपचारिक रूप से नयी सरकार के गठन का दावा करेगा.

बहरहाल, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के विधायक दल की संयुक्त बैठक रविवार को होगी जहां नीतीश कुमार को गठबंधन का नेता चुना जायेगा. इस आशय का निर्णय राजग के चार घटक दलों भाजपा (BJP), जदयू (JDU), हम, वीआईपी (VIP) की अनौचारिक बैठक में हुआ.

यह बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर हुई. बैठक के बाद जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ रविवार 15 नवंबर को साढ़े बारह बजे बैठक शुरू होगी और इसमें आगे निर्णय किया जायेगा.’’

उन्होंने बताया कि शाम को कैबिनेट की बैठक में विधानसभा भंग करने के बारे में निर्णय किया जायेगा जिसका कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है. कुमार ने कहा, ‘‘ इन औपचारिकताओं को नयी सरकार के गठन से पहले पूरा किया जाना है। कैबिनेट की सिफारिशों को राज्यपाल को सौंपा जायेगा और इसके बाद नयी सरकार के गठन के लिये आगे कदम उठाया जायेगा. ’’

गौरतलब है कि भाजपा इस चुनाव में 74 सीट जीत कर राजग में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर आई है जबकि जदयू को 43 सीटें प्राप्त हुई है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने कुमार को अगला मुख्यमंत्री बनाने पर जोर दिया है.

बिहार विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही नीतीश कुमार को सत्तारूढ़ राजग की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था.

नीतीश कुमार ने यह नहीं बताया कि उनके आवास पर बैठक में क्या तय हुआ. बहरबाल जानकार सूत्र बताते हैं कि नये मंत्रिमंडल में प्रत्येक घटक के प्रतिनिधित्व और नये विधानसभा अध्यक्ष के मुद्दे पर चर्चा हुई.

इस बीच, ऐसी अटकलें हैं कि उपमुख्यमंत्री पद के लिये भाजपा की ओर से अति पिछड़े वर्ग से किसी नाम को आगे बढ़ाया जा सकता है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के स्थान पर किस को उपमुख्यमंत्री बनाया जायेगा या उत्तर प्रदेश की तरह से दो उप मुख्यमंत्री का प्रयोग दोहराया जा सकता है.

भाजपा की ओर से उपमुख्यमंत्री पद के लिये आरएसएस में जुड़े नेता कामेश्वर चौपाल का नाम चर्चा में है. चौपाल दलित समुदाय से आते हैं और वे 1990 में अयोध्या में राम जन्मभूमि में आधारशिला रखने के लिये चर्चित रहे हैं.

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में राजग को 125 सीटें प्राप्त हुई है जो बहुमत के आंकड़े से तीन सीट अधिक है.इस बीच चकाई से निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन दिया. सिंह के पिता नरेंद्र सिंह राज्य के पूर्व मंत्री रहे हैं और जमुई जिले के प्रभावशाली राजपूत नेता माने जाते हैं.

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