पंजाब के जालंधर से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। जहाँ पिता की मौत के बाद उनके शव को ऐम्बुलेंस से ले जाने के लिए पैसे कम पड़े तो एक युवक को मजबूरी में ठेलागाड़ी का इस्तेमाल करना पड़ा है। दरअसल यह पूरा मामला शहर के सिविल अस्पताल का है जहां लाल सिंह नाम के शख्स को 7 मई को स्ट्रोक आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके और उनकी मौत हो गई। लाल सिंह बेटे सरबजीत सिंह के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह केवल 4 किलोमीटर दूर अपने घर तक पिता के शव को ऐम्बुलेंस में ले जा पाता।
हालाँकि सरबजीत सिंह के मुताबिक उन्होंने अस्पताल में खड़ी एक ऐम्बुलेंस से ड्राइवर से बात की। लेकिन ड्राईवर ने सिर्फ 4 किलोमीटर के लिए 400 रुपये मांग की, जबकि सरबजीत के पास महज सिर्फ 150 रुपये थे। ऐसे में सरबजीत की मदद उसके एक रिश्तेदार ने की, जो फल और सब्जियां बेचने के लिए इस्तेमाल होने वाली ठेलागाड़ी लेकर आया।
पिता के शव को ठेलागाड़ी पर रखकर सरबजीत किसी तरह अस्पताल के गेट तक पहुंचा, जहां एक ऑटो ड्राइवर ने उसे कहा कि वह शव को उनके घर तक पहुंचा देगा। इसके बाद ठेलागाड़ी से उतारकर शव को ऑटो में ले जाया गया। वहीँ मामले की जानकारी होने पर सिविल अस्पताल के मेडिकल सूपरिंटेंडेंट केएस बावा ने कहा कि अस्पताल की ऐम्बुलेंस सर्विस सिर्फ मरीजों को लाने, ले जाने के लिए होती है, इसे शव को ले जाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
वैसे देश में यह कोई पहला मामला नहीं है इसी तरह बीते साल ओडिशा के कालाहांडी में एक व्यक्ति को अपनी पत्नी के शव को अपने कंधे पर लेकर करीब 10 किलोमीटर तक चलना पड़ा था, क्योंकि उसे अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल सका था। इस दौरान उसकी 12 साल की बेटी भी उसके साथ थी।