कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक खबर का हवाला देते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मास्टर स्ट्रोक’ के कारण देश के 45 करोड़ लोगों ने नौकरी की उम्मीद छोड़ दी है.
उन्होंने जिस खबर का हवाला दिया उसमें ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी’ (सीएमआईई) की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि साल 2017 से 2022 के बीच, कुल श्रम भागीदारी दर 46 प्रतिशत से घटकर 40 प्रतिशत हो गई, लगभग 2.1 करोड़ श्रमिकों ने काम छोड़ा और केवल 9 प्रतिशत पात्र आबादी को रोजगार मिला.
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में अभी 90 करोड़ लोग रोजगार के पात्र हैं जिनमें से 45 करोड़ से ज्यादा लोगों ने अब काम की तलाश भी छोड़ दी है.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘न्यू इंडिया का न्यू नारा : हर-घर बेरोज़गारी, घर-घर बेरोज़गारी. 75 साल में मोदी जी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनके ‘मास्टर स्ट्रोक’ से 45 करोड़ से ज़्यादा लोग नौकरी पाने की उम्मीद ही छोड़ चुके हैं.’’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी इस रिपोर्ट को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि युवाओं के भविष्य के लिए इससे बड़ा खतरा कोई नहीं है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले देश में अगर सरकार आशा और उम्मीदों के बजाय निराशा व हताशा के बीज बो रही है, तो देश एवं युवाओं के भविष्य के लिए इससे बड़ा खतरा कोई नहीं है.’’
प्रियंका गांधी ने यह भी कहा, ‘‘45 करोड़ लोगों ने हताश होकर रोजगार तलाशना छोड़ दिया. आज के दौर में यह हमारी सबसे बड़ी चिंता होनी चाहिए.’’