राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में जनरल बिपिन रावत (मरणोपरांत) और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद समेत 54 हस्तियों को पद्म पुरस्कार प्रदान किए. इनमें देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और गीताप्रेस के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान प्रदान किया गया, वहीं गुलाम नबी आजाद, टाटा संस के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन, पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक राजीव महर्षि, कोविड रोधी टीके ‘कोविशील्ड’ निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुख साइरस पूनावाला पद्म भूषण पुरस्कार पाने वाले आठ लोगों में शामिल हैं.
इस वर्ष देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ के लिए किसी भी नाम की घोषणा नहीं की गई. यह पिछली बार 2019 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, समाज सुधारक नानाजी देशमुख और प्रसिद्ध गायक भूपेन हजारिका को प्रदान किया गया था. जनरल रावत को दिया गया पुरस्कार उनकी बेटियों ने लिया, वहीं खेमका का पुरस्कार परिवार के एक करीबी सदस्य से ग्रहण किया. पद्म पुरस्कार पाने वालों में से कई ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं हैं, इनमें 125 वर्षीय योगाचार्य स्वामी शिवानंद भी शामिल हैं.
सफेद कुर्ता और धोती पहने, नंगे पैर शिवानंद जब पुरस्कार के लिए गए तो लोगों ने उनके सम्मान में तालियां बजाईं, इस दौरान शिवानंद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने झुके तो प्रधानमंत्री तुरंत उठे और उनका अभिवादन स्वीकार किया.
ये पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, लोक मामलों, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल आदि विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वालों को प्रदान किए जाते हैं. इस अवसर पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे.
इस साल कुल 128 पद्म पुरस्कार दिए जा रहे हैं जिनमें दो युग्म पुरस्कार (युग्म पुरस्कारों को एकल पुरस्कार गिना जाता है) शामिल हैं. वर्ष 2022 के लिए कुल चार पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 107 पद्मश्री पुरस्कार दिए जा रहे हैं. पुरस्कार पाने वालों की सूची में 34 महिलाएं हैं. इसके अलावा 13 लोगों को पद्म पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किये जा रहे है. इस संबंध में अगला समारोह 28 मार्च को होगा.