धनतेरस से दिवाली त्यौहार की शुरुआत के साथ ही बाजार में रौनक लौट आयी है. धनतेरस पर शुभ मानी जाने वाली सोने-चांदी की खरीद गुरुवार को बढ़ी लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 संकट के चलते मांग के कमजोर रहने और सर्राफा की ऊंची कीमतों से कारोबार हल्का रह सकता है.
कोविड-19 संकट के चलते नरमी की मार झेल रहे बाजार को लंबे समय से दिवाली का त्यौहारी मौसम शुरू होने का इंतजार था. आभूषण और उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि कोविड-19 प्रतिबंधों में ढील के चलते बाजार की खरीदारी धारणा बेहतर हुई है. ग्राहक सोने-चांदी की बढ़ी कीमतों के बावजूद इसमें निवेश करने को तरजीह दे रहे हैं.
आभूषण विक्रेताओं का कहना है कि वह पुराने आभूषणों के स्टॉक को बदलकर नए डिजाइन बना रहे हैं ताकि त्यौहारी और शादियों के मौसम की मांग को पूरा किया जा सके. उन्होंने कहा कि देश के प्रमुख उपभोक्ता बाजारों में कोविड-19 संक्रमण मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लोगों के बीच घर से बाहर आने में संकोच देखा जा रहा है. महामारी को देखते हुए वह ऑनलाइन आभूषण मंच पर खरीद को तरजीह दे रहे हैं.
सोने की कीमतें 51,000 से 53,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच बनी हुई हैं. यह 2019 की धनतेरस पर सोने की 38,096 रुपये प्रति 10 ग्राम की कीमत से 35 प्रतिशत अधिक है. इसी तरह चांदी का भाव भी 62,000 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्च स्तर तक पहुंच गया है. विश्व स्वर्ण परिषद के भारतीय परिचालन के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पीआर ने कहा, ‘‘लोगों की दुकानों में आवाजाही बढ़ी है और वह खरीदारी में रुचि ले रहे हैं. बिक्री बेहतर हुई है लेकिन यह पिछले साल की धनतेरस जितनी अच्छी नहीं है.
संगठित क्षेत्र के दुकानदारों को बाजार में अच्छी हिस्सेदारी मिलेगी. सोने-चांदी के बिस्कुट और सिक्कों का प्रदर्शन बेहतर रहेगा.’’ उन्होंने कहा कि इस साल डिजिटल सोने और अन्य ऑनलाइन मंच को भी बढ़त मिल सकती है. इसी तरह की बात अखिल भारतीय रत्न और आभूषण घरेलू परिषद के चेयरमैन अनंत पद्मनाभन ने कही. उन्होंने कहा बाजार में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और ग्राहकों की धारणा सकारात्मक बनी हुई है.