कांग्रेस ने दिल्ली में कोरोना वायरस (Coronavirus) के संकट से जुड़े हालात के नियंत्रण से बाहर होने का दावा करते हुए बृहस्पतिवार को भाजपा एवं आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस बड़े संकट के समय दोनों ने मिलकर दिल्ली (Delhi) का बंटाधार कर दिया है. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Singhvi ) ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में स्वास्थ्य आपात स्थिति है और ऐेसे में केंद्र व अरविंद केजरीवाल सरकार दोनों को अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर और जांच की सुविधाएं बढ़ाने के लिए युद्धस्तर पर काम करना चाहिए.
उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन (Ajay Maken) द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission -NHRC) के समक्ष दिल्ली की स्थिति पर दी गई याचिका का उल्लेख करते हुए दावा किया कि भाजपा और आप ने मिलकर दिल्ली को कोविड के समय ‘कुशासन’ का एक उदाहरण बना दिया है.
गौरतलब है कि बुधवार को दिल्ली में कोविड-19 (COVID-19) के 1501 नये मरीज सामने आने के साथ ही यहां इस महामारी के मामले बढ़कर 32000 हो गये. यहां अब तक 984 लोग इस संक्रमण से अपनी जान गंवा चुके हैं. सिंघवी ने कहा, ‘‘ आज की स्थिति में अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं है. पर्याप्त स्तर पर कोविड जांच नहीं हो रही है. शवों के अंतिम संस्कार के लिए कतार लगी हुई है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी मांग है कि अस्पतालों के 70 फीसदी बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित होने चाहिए क्योंकि दिल्ली सरकार खुद कह रही है कि इस महीने और जुलाई में मामले बहुत बढ़ने वाले हैं.’’ सिंघवी के मुताबिक अगर हर 100 लोगों में से जांच में औसतन 27 के संक्रमित होने की पुष्टि हो रही है तो आप जांच कम कैसे कर सकते हैं? अगर मामले बढ़ रहे हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि आप जांच सीमित करके स्थिति को झुठला देंगे. कई लैब को धमकी दी गई कि ज्यादा जांच नहीं की जाएं.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर लोगों को अपने प्रियजनों के अंतिम संस्कार के लिए कतार लगानी पड़ेगी तो यह दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है. हमारी मांग है कि अंतिम संस्कार के लिए अतिरिक्त जगह एवं सुविधाएं बढ़ाई जाए.’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि महेश वर्मा समिति ने सिफारिश की है कि जुलाई के मध्य तक 42 हजार बेड की जरूरत होगी और इनमें से 20 फीसदी बेड वेंटिलेटर के साथ चाहिए. दूसरी तरफ दिल्ली में फिलहाल 8600 बेड हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के बजाय इस वक्त स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने दिल्ली में कोरोना संकट से जुड़ी स्थिति बेकाबू होने का दावा किया और आरोप लगाया कि केंद्र और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आपसी लड़ाई से दिल्ली के लोगों को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति सरकार के हाथ से बाहर हो चुकी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल स्थिति पर चिंता प्रकट करते हैं, लेकिन समाधान की बात नहीं करते हैं. केजरीवाल सरकार पूरी तरफ विफल रही है.’’ अनिल कुमार ने दावा किया, ‘‘दिल्ली के लोगों ने अपना बेटा मानकर केजरीवाल को बड़ा बहुमत दिया था, लेकिन वह इस संकट के समय जीरो साबित हुए हैं.’’