HomeBiharBihar Assembly Election 2020 : पुष्पम प्रिया चौधरी का सवाल, आख़िर...

Bihar Assembly Election 2020 : पुष्पम प्रिया चौधरी का सवाल, आख़िर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला क्यों है बदहाल?

- Advertisement -

“बिहार विधानसभा का चुनाव एक क्रांति है और यह किसी एक आदमी के चुनाव को लेकर नहीं है यह बिहार के लिए है. यह लड़ाई किसी के विरोध में नहीं है बल्कि किसी के पक्ष के लिए है यह बिहार के लिए है”. यह बात प्लुरल्स पार्टी की प्रेसिडेंट और पार्टी की मुख्यमंत्री उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चौधरी अपने तीन दिवसीय नालंदा दौरे (5 – 7 सितंबर 2020) के दौरान पचासा, मोरा तालाब में कही.

उन्होंने भागनबीघा में कहा कि नालंदा मुख्यमंत्री जी का गृह जिला है परंतु उन्होंने अपने गृह जिले के लोगों को भी ठगा है. उन्होंने सवाल उठाया कि नालंदा मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के बाद भी यहां की स्थिति बदतर क्यों रही है? अर्जुन को भी धर्म की स्थापना हेतु अपने परिजनों के विरुद्ध युद्ध करना पड़ा था, यह चुनाव एक क्रांति है, एक संघर्ष है बिहार को बेहतर बनाने के लिए. आपलोगों को भी एक बेहतर और वृहत लक्ष्य हेतु स्वजनों के विरुद्ध संघर्ष करना होगा.
पुष्पम प्रिया चौधरी ने सेवदह में कहा कि रोजगार उनकी प्राथमिकताओं से सबसे प्रथम है मैं आने वाली पीढ़ी की जिंदगियों को बर्बाद नहीं होने दूंगी. सभी बिहारियों को बिहार में ही रोजगार लाकर दूंगी.

प्लुरल्स प्रेसिडेंट पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा कि कृषि विकास के क्षेत्र में सरकारी सहायता शून्य है. उन्होंने कहा कि इसी शून्यता में दरवेशपुरा के सुमंत कुमार जैसे किसान अपनी मेहनत से धान उत्पादन में विश्व रिकॉर्ड बनाते हैं परंतु विश्व रिकॉर्डधारी किसान से इस विरोधाभास को देखेगी कि कैसे बिहार के किसानों का विश्वरिकॉर्ड किसी काम का नहीं होता क्योंकि सरकार को एग्रीकल्चर की पॉलिसीमेकिंग नहीं आती है. जोसेफ स्टिग्लिट्ज ने यहीं कहा था कि बिहार के किसान दुनिया के वैज्ञानिकों से भी बेहतर हैं क्योंकि अगर कोई वैज्ञानिक ऐसा रिकॉर्ड उत्पादन करने की तकनीक ईजाद करता तो नोबेल पाता परंतु बिहार के किसानों के सम्मान नहीं है. यही हाल सब्जी उत्पादक किसानों का भी है. चंडी प्रखंड प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड के अध्यक्ष हरिनंद प्रसाद ने बताया कि घोषणा के पांच सालों के बाद भी ग्रामीण मंडी का निर्माण नहीं किया गया है, कोल्ड स्टोरेज की सुविधाएं न मिलने के काऱण सब्जी उत्पादकों को उनके उत्पाद की सही कीमत नहीं मिल पाती है.

कृषि की उपेक्षा तो सरकारों ने की ही है उद्योग को लाने का कोई प्रयास नहीं किया गया. पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा कि रहुई प्रखंड के मोरा तालाब स्थित लेदर फुटवेयर औधोगिक कर्मशाला को 17 दिसंबर 2018 को कुछ दिन चलाकर बंद कर दिया गया है. इससे उनकी नीति और नीयत का पता चलता है.

पुष्पम प्रिया चौधरी ने भागनबीघा में ग्रामीणों से मुलाकात करने के बाद बताया कि सामाजिक सुरक्षा की जो भी आधी-अधूरी योजनाएं चलती है उसकी दशा बहुत भयावह है. वृद्धावस्था पेंशन में जो अनियमितता है उसपर सरकार ने मौन धारण कर लिया है. विधवा पेंशन की बात हो या दिव्यांगो को मिलने वाली सहायता सब सिर्फ दिखावे के लिए है. बात नल जल योजना की हो या आवास योजना सब विफलता की कहानियां कहती है.

पुष्पम प्रिया चौधरी ने सिलाव प्रखंड के भदारी गावं में कहा कि सरकार का ध्यान किसी भी क्षेत्र में नहीं है. रग्बी में नालंदा का नाम रौशन करने वाली श्वेता शाही भी से मुलाकात के बाद उन्होंने खेल में आधारभूत ढांचे की सहायता देने की बात की.

पुष्पम प्रिया चौधरी ने कहा कि युवाओं को वोट करना चाहिए जब अच्छे लोग वोट नहीं करेंगे तो तबतक बुरे लोग हम पर शासन करते रहेंगे. प्लुरल्स पार्टी की प्रेसिडेंट पुष्पम ने कहा कि सरकारी लॉकडाउन से जो लोग प्रभावित हुए हैं उनको कोई सरकारी सहायता पैकेज नहीं मिली है.प्लुरल्स प्रेसिडेंट ने अपने तीन दिवसीय नालंदा दौरे में 7 विधानसभा के 20 प्रखंडों का दौरा किया और लोगों की समस्याओं को समझा.

- Advertisement -
- Advertisement -
Stay Connected
16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe
Must Read
- Advertisement -
Related News
- Advertisement -