केंद्र सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत देते हुए तीन तलाक पर अध्यादेश जारी किया है। कैबिनेट की बैठक में तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दी गई। अब इस अध्यादेश को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। मोदी सरकार का यह आध्यादेश 6 महीने तक लागू रहेगा। लेकिन 6 महीने बाद मोदी सरकार को इसे फिर से संसद में पेश करना होगा। लोकसभा से तीन तलाक विधेयक पहले ही पास किया जा चुका है, जबकि राज्यसभा में ये विधेयक अभी भी लंबित है।
मोदी सरकार ने तीन तलाक विधेयक में संशोधन कुछ बड़े भी किए हैं। जिसके मुताबिक दोषी को ज़मानत देने का अधिकार मेजिस्ट्रेट का होगा और साथ ही कोर्ट की इजाज़त से समझौते का प्रावधान भी किया गया है। हालाँकि इसके पहले तीन तलाक के मामले में कोई भी केस दर्ज करा सकता था। लेकिन अब सिर्फ पीड़िता या फिर उसके सगे रिश्तेदार ही मामला दर्ज करा पाएंगे। जहाँ पहले इस तरह के मामलों में समझौते का कोई प्रावधान नहीं था, वहीँ अब मजिस्ट्रेट के सामने पति-पत्नी के पास समझौते का विकल्प मौजूद होगा। इसके साथ ही अब मजिस्ट्रेट को ज़मानत देने का अधिकार दिया गया है, जबकि पहले तीन तलाक गैर जमानती अपराध था और पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती थी।