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सरदार पटेल थे देश की एकता के पहले सूत्रधार, 562 रियासतों का भारत में कराया था विलय

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  • सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर जहाँ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  उनकी प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का उद्धघाटन किया, वहीँ दूसरी तरफ महराजगंज में बीजेपी के पदाधिकारियों,कार्यकर्ताओं और नेताओं ने रन फॉर यूनिटी का आयोजन कर दौड़ लगाई। इस अवसर जिले की गलियों में वंदे मातरम्,भारत माता की जय के उद्घोष गूंजे।


जनपद मुख्यालय स्थित भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर सांसद पंकज चौधरी,सदर विधायक जयमंगल कन्नौजिया, भाजपा जिलाध्यक्ष अरुण शुक्ल, नगर पालिका अध्यक्ष कृष्ण गोपाल जायसवाल ने माल्यर्पण कर  रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम का  शुभारम्भ किया। भारत माता की जय, सरदार पटेल अमर रहे, भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद के नारे लगाते हुए भाजपाईयो का हुजूम भाजपा जिला कार्यालय से निकल कर फरेंदा महाराजगंज मार्ग होते हुए मुख्यालय पहुंचा ,फिर वहां से वापस आकर नगर के सक्सेना तिराहे पर पहुच कर संविधान निर्मात्री समिति के सदस्य एवं स्वतंत्रता सेनानी महराजगंज के पूर्व सांसद प्रोफेसर शिब्बन लाल सक्सेना की प्रतिमा स्थल पहुचा। जहां प्रो. शिब्बन लाल सक्सेना जी की प्रतिमा पर भाजपा सांसद पंकज चौधरी,सदर विधायक जयमंगल कनौजिया,नगर पालिका परिषद महराजगंज के अध्यक्ष कृष्ण गोपाल जायसवाल ने माल्यर्पण किया।

जानिए कौन है वो सख्श जिसने बनाई सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ?

भाजपा जिला कार्यालय पर उपस्थित भाजपा पदाधिकारियों,कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए सांसद पंकज चौधरी कहा कि भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल आधुनिक भारत के निर्माता थे। भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे देश के प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री भी बने। बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे सरदार पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर बारडोली की बहनों ने उन्हें सरदार की उपाधि प्रदान की। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का लौह पुरूष कहा जाता है।

सांसद श्री चौधरी ने कहा कि सरदार पटेल के ऐतिहासिक कार्यों में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निमाण, गांधी स्मारक निधि की स्थापना, कमला नेहरू अस्पताल की रूपरेखा आदि कार्य सदैव स्मरण किए जाते रहेंगे। उनके मन में गोआ को भी भारत में विलय करने की इच्छा कितनी बलवती थी, इसका उदाहरण ही काफी है। उनका यह कथन भी कितना सटीक था कि भारत में केवल एक व्यक्ति राष्ट्रीय मुसलमान है जवाहरलाल नेहरू बाकी सब सांप्रदायिक मुसलमान हैं। 15 दिसंबर 1950 को प्रातः 9.37 बजे भारत के इस महापुरुष का 76 वर्ष की आयु में निधन हो गया, जिसकी क्षति पूर्ति होना कठिन है।

यह सच है कि महात्मा गांधी ने कांग्रेस के हृदय में प्राणों का संचार किया तो नेहरू ने उस कल्पना और दृष्टिकोण को विस्तृत आयाम दिया। इसके अलावा जो शक्ति और संपूर्णता कांग्रेस को प्राप्त हुई वह सरदार पटेल की कार्यक्षमता का ही परिणाम था। आपकी सेवाओं, दृढ़ता व कार्यक्षमता के कारण ही आपको लौह पुरुष कहा जाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के सामने ज्वलंत प्रश्न था कि छोटी-बड़ी 562 रियासतों को भारत गण राज्य में कैसे समाहित किया जाए। जब इस जटिल कार्य को कोई नहीं कर सका तब इस महापुरुष “सरदार वल्लभ भाई पटेल” ने निहायत सादगी तथा शालीनता से सुलझाया, वे थे आधुनिक राष्ट्र निर्माता लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ।

सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ अमेरीका की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (97 मीटर) से दुगनी ऊंचाई वाली बनाई गई है। इस प्रतिमा को एक छोटे चट्टानी द्वीप पर स्थापित किया गया है, जो केवाडिया में सरदार सरोवर बांध के सामने नर्मदा नदी के मध्य में स्थित है। सरदार वल्लभ भाई पटेल की यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है।

वहीँ इस मौके पर सदर विधायक जयमंगल कन्नौजिया ने रन फॉर यूनिटी पर कहा कि सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। उन्हें मरणोपरांत वर्ष 1991 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न दिया गया। वर्ष 2014 में केंद्र की मोदी सरकार ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती (31 अक्टूबर) को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है।

भाजपा जिलाध्यक्ष अरुण शुक्ल ने अपने अध्यक्षिय संबोधन में कहा कि सरदार पटेल ने आजादी के ठीक पूर्व (संक्रमण काल में) ही पीवी मेनन के साथ मिलकर कई देसी राज्यों को भारत में मिलाने के लिये कार्य आरम्भ कर दिया था। पटेल और मेनन ने देसी राजाओं को बहुत समझाया कि उन्हे स्वायत्तता देना सम्भव नहीं होगा। इसके परिणामस्वरूप तीन को छोडकर शेष सभी राजवाड़ों ने स्वेच्छा से भारत में विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। लेकिन केवल जम्मू एवं कश्मीर, जूनागढ़ तथा हैदराबाद के राजाओं ने ऐसा करना स्वीकार नहीं किया। जूनागढ़ के नवाब के विरुद्ध जब बहुत विरोध हुआ तो वह भागकर पाकिस्तान चला गया और जूनागढ़ भी भारत में स्वतः विलीन हो गया। जब हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया तो सरदार पटेल ने वहाँ सेना भेजकर निजाम का आत्मसमर्पण करा लिया। किन्तु नेहरू ने काश्मीर को यह कहकर अपने पास रख लिया कि यह समस्या एक अन्तराष्ट्रीय समस्या है।यदि सरदार वल्लभ भाई पटेल देश को कुछ और समय दे पाते तो काश्मीर समस्या का भी निदान हो जाता।

इस अवसर पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष अरुणेश शुक्ल, जिला महामंत्री ओमप्रकाश पटेल ,मंत्री प्रदीप उपाध्याय, जिला पंचायत सदस्य व भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष कुर्सेद अंसारी, भाजपा किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष विरेन्दर चौहान,किसान मोर्चा जिला महामंत्री राधारमन शुक्ल,  भाजयुमो जिलाध्यक्ष दिनेश जायसवाल, नगर अध्यक्ष भाजपा युवा मोर्चा अभिषेक श्रीवास्तव,मण्डल अध्यक्ष दिलीप शर्मा, राम कोमल चौधरी, छोटे लाल पटेल, मण्डल महामंत्री रामाज्ञा यादव गौतम तिवारी, सेक्टर प्रमुख सूर्यनाथ शर्मा, रमेश पटेल, बबलू पटेल, चौक प्रधान विरेन्दर राव, सेक्टर प्रमुख यंत्री मद्धेशिया, अनिल कुमार दास, पूर्व नगर अध्यक्ष आशुतोष शुक्ल, राजीव शुक्ला, शिवेंद्र उपाध्याय ,निखिल शुक्ल, सहित सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता रन फार यूनिटी में भाग लिए।

( शिवरतन कुमार गुप्ता की रिपोर्ट )

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