प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड से केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी “आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना” की शुरुआत की है। इस योजना के तहत देश के लगभग 10 करोड़ से ज्यादा परिवारों को प्रतिवर्ष पांच लाख रूपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। जिससे लाभार्थी सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे। इस योजना में वंचित ग्रामीण परिवार और शहरी श्रमिक परिवारों की पेशेवर श्रेणियां को भी शामिल किया गया है। सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना (एसईसीसी) के नवीनतम आकंड़ों के मुताबिक गांवों में ऐसे 8.03 करोड़ और शहरों में 2.33 परिवार हैं, जिन्हें इसका फायदा मिलेगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस योजना में लगभग 1300 गंभीर बिमारियों का इलाज किया जायेगा, जिनमें कोरोनरी बाईपास, नी रिपलेसमेंट (घुटने बदलना) और स्टेंटिंग मौजूद है। इसके अलावा कुछ और बिमारियों के इलाज पर सेंट्रल गर्वंमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) की तुलना में 15 से 20 फीसदी कम खर्च आएगा।
आयुष्मान भारत की सेवाओं के लिए एक वेबसाइटऔर हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, जिसके जरिए यह पता किया जा सकता है कि किसी व्यक्ति का नाम लाभार्थी सूचि में है या नहीं? इसके लिए आप आयुष्मान भारत की वेबसाइट mera.pmjay.gov.in पर जाकर अपना नाम देख सकतें है या फिर हेल्पलाइन नंबर 14555 पर जानकारी ले सकते हैं। आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थीयों को वेबसाईट पर अपना मोबाइल नंबर दर्ज कराना होगा, जिसके बाद ओटीपी के जरिए सत्यापन होगा और उसके बाद बिना किसी दस्तावेज के केवाईसी की ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
आयुष्मान भारत योजना देश के कर्इ राज्यों और जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर काम कर रही है। ऐसे में लाभार्थियों की मदद करने के लिए आयुष्मान मित्र भी तैनात किए गए हैं, जो न सिर्फ आयुष्मान भारत योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की मदद करते हैं बल्कि लाभार्थी व अस्पताल के बीच समन्वय भी स्थापित करने में महत्वपूर्ण भी भूमिका निभातें हैं। इस योजना के तहत देश में 1.5 लाख हेल्थ और वेलनेस सेंटर भी खोले जाएंगे। जहाँ न सिर्फ बिमारी का इलाज किया जाएगा बल्कि हेल्थ चेकअप की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी।