प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम करने का अंदाज हमेशा चर्चा में रहता है। उनकी काम करने की क्षमता और बिना ब्रेक के अपने मिशन में लगातार जुटे रहना उन्हें सबसे अलग करता है। 26 मई 2014 को देश के प्रधानमंत्री का कार्यभार सँभालने के बाद से ही वह बिना कभी थके लगातार चलते रहे हैं।
एक बार फिर से उनके काम करने का यही अंदाज देखने को मिला है। देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र गुजरात के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने निकल पड़े। यहां तक कि इस दौरान वे अपने अधिकारियों से लगातार अलग-अलग मुद्दों पर ब्रीफिंग भी लेते रहे। इससे पहले संसद में मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ एक अलग से बैठक की। माना जा रहा है कि इस दौरान गुजरात में बाढ़ के हालात सहित कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री ने विजय रूपाणी से बात की।
राष्ट्रपति भवन में समारोह के बाद प्रधानमंत्री सीधे अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए। वहां उन्होंने बाढ़ की हालात का जायजा लिया। अहमदाबाद में मीटिंग करने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने ढाई घंटे तक बाढ़ ग्रस्त इलाके का सर्वे भी किया।
बताया जा रहा है कि खराब मौसम में जिस हेलीकाप्टर से उन्होंने इतनी देर तक हवाई सर्वे किया, उसकी सीटिंग अरेंजमेंट्स भी ठीक नहीं था। विमान में भी वे अधिकारियों से लगातार अलग-अलग मुद्दों पर ब्रीफिंग भी ले रहे थे।