उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को सूचित किया कि यहां लगने जा रहे माघ मेले में केवल उन्हीं व्यक्तियों को प्रवेश दिया जाएगा, जिनके पास कोविड-19 से संक्रमित नहीं होने की पुष्टि करने वाली रिपोर्ट होगी. यह जानकारी मुख्य सचिव की ओर से पेश किए गए निर्देशों के जरिए अदालत को उस समय दी गई, जब कोविड-19 से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही थी.
मुख्य सचिव के बयान को दर्ज करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने कहा, ‘इन निर्देशों पर गौर करने के बाद हम इस बात से पूरी तरह सहमत नहीं हैं कि राज्य की ओर से जो कदम उठाए जा रहे हैं, वे संक्रमण को रोकने के लिए पर्याप्त हैं.’
अदालत ने इस जनहित याचिका पर अगली सुनवाई की तारीख 12 जनवरी, 2021 तय करते हुए निर्देश दिया कि अगली तारीख तक राज्य सरकार विश्वसनीय और आसान तरीका पेश करे, जिनके जरिए वह इस संक्रमण को नियंत्रित करने का इरादा रखती है. अदालत ने कहा, ‘सरकार यह बात ध्यान में रखे कि माघ के महीने में इस तरह का समागम बहुत विशाल स्तर पर होता है और अगर एक भी संक्रमित व्यक्ति इस शहर में प्रवेश करता है तो वह तबाही मचा सकता है.’
अदालत ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार अदालत के समक्ष एक निश्चित तारीख और कार्यक्रम पेश करे कि कोविड-19 के उन्मूलन के लिए प्रदेश में टीकाकरण कब और कैसे किया जाएगा. इसके अलावा अदालत ने मुख्य सचिव को यह बताने का भी निर्देश दिया कि सार्वजनिक भूमि पर निर्मित पूजा स्थलों को कैसे हटाया जाना है.