प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि पिछले दो हफ्तों में कुछ राज्यों में जिस प्रकार से कोविड-19 महामारी के मामले बढ़े हैं, उससे स्पष्ट है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की चुनौती अभी पूरी तरह टली नहीं है.
देशवासियों से सतर्क रहने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा चुनौतियों के मद्देनजर उनकी सरकार की प्राथमिकता सभी योग्य बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण करना है.
उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे सभी योग्य बच्चों का यथाशीघ्र टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों में विशेष अभियान चलाएं. उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों से इसे लेकर जागरूक रहने की अपील की.
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों, केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपालों और प्रशासकों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड महामारी की ताजा स्थिति की समीक्षा के बाद अपने संबोधन में यह बात कही.
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से पिछले दो हफ्तों में कुछ राज्यों में मामले बढ़े हैं उससे यह स्पष्ट है कि कोरोना की चुनौती अभी पूरी तरह टली नहीं है. ओमीक्रोन और उसके सब वैरिएंट्स किस तरह गम्भीर परिस्थिति पैदा कर सकते हैं, यह यूरोप के देशों में हम देख सकते हैं.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में कुछ देशों में कोरोना के विभिन्न स्वरूपों की वजह से कुछ लहरें भी आईं लेकिन भारत ने कई देशों की तुलना में हालात पर काफी बेहतर नियंत्रण रखा है.
उन्होंने कहा, ‘‘इन सब के बावजूद पिछले दो हफ्ते से जिस तरह कुछ राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं, उसे देख कर हमें सतर्क रहना है.’’
प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण की ‘‘बहुत अहम भूमिका’’ का उल्लेख करते हुए, देश में लंबे समय के बाद स्कूलों के खुलने का जिक्र किया और कहा कि एक बार फिर से संक्रमण के बढ़ते मामलों ने परिजनों की चिंता बढ़ा दी है.
कुछ स्कूलों में बच्चों के संक्रमित होने की खबरों की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘सभी योग्य बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए पहले की तरह स्कूलों में विशेष अभियान चलाने की जरूरत भी होगी। शिक्षक और माता-पिता इसे लेकर जागरूक रहें.’’
उल्लेखनीय है कि इस साल मार्च में देश में 12-14 वर्ष के बच्चों के लिए टीकाकरण की शुरुआत की गई जबकि 26 अप्रैल से 6-12 वर्ष के बच्चों के लिए भी को-वैक्सीन टीके की अनुमति मिल गई है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ राष्ट्रीय और वैश्विक परिस्थितियों की लगातार निगरानी कर रहे हैं और उनके सुझावों पर देश को अति सक्रियता और सामूहिक रुख अपनाते हुए कोविड महामारी के खिलाफ आगे की लड़ाई लड़नी है.
उन्होंने कहा, ‘‘संक्रमण को शुरुआत में ही रोकना हमारी प्राथमिकता पहले भी थी और आज भी हमारी प्राथमिकता यही होनी चाहिए.’’
उन्होंने मुख्यमंत्रियों को जांच करने, संक्रमण का पता लगाने और उपचार करने की रणनीति को प्रभावी तरीके से अपनाने का सुझाव दिया और कहा कि आज कोरोना की जो स्थिति है उसमें यह जरूरी है कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों में जो गम्भीर इन्फ्लूएंजा के मामले हैं, उनकी शत प्रतिशत कोरोना जांच हो.
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत के बाद प्रधानमंत्री मोदी की सभी राज्यों के साथ यह 24वीं बैठक थी। इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए.
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब भारत में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 2,927 नए मामले आए. इसके साथ ही देश में कोरोना वायरस से अब तक संक्रमित हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 4,30,65,496 हो गई.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार को सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, भारत में संक्रमण से 32 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,23,654 हो गई है. देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 16,279 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.04 प्रतिशत है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक संक्रमण की दैनिक दर 0.58 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 0.59 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.22 प्रतिशत है.
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 188.19 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है.