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COVID-19 से कर्मियों का बचाव, उनका मनोबल बनाए रखना हमारी प्राथमिकता : दिल्ली पुलिस आयुक्त

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दिल्ली पुलिस (Delhi Police) प्रमुख एस एन श्रीवास्तव (SN Shrivastava) ने बृहस्पतिवार को कहा कि कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ-साथ पुलिस कर्मी, कोरोना वायरस (Coronavirus) से खुद का बचाव करते हुए दिल्ली के लोगों की सुरक्षा के लिए भी काम कर रहे हैं. श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस बल ने जवानों के लिए कई तरह की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को लागू किया है. इसके तहत संक्रमित होने की स्थिति में इलाज के लिए भी कर्मियों का मार्गदर्शन किया जा रहा है.

दिल्ली पुलिस के 800 से ज्यादा कर्मी कोविड-19 (COVID-19) से संक्रमित पाए गए हैं, जबकि पांच कर्मियों की मौत हुई है. दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण संक्रमित पुलिसकर्मियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि ‘‘ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि बल की मनोदशा पर असर नहीं पड़े और यह प्राणघातक ना हो. ’’

श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली पुलिस अपने जवानों का ठीक से ख्याल रख रही है और मानवीय कार्यों के लिए उनकी सराहना भी की जाती है. उन्होंने कहा, ‘‘अपने पुलिसकर्मियों की सही देखभाल के लिए हम तमाम कदम उठा रहे हैं. सभी पुलिसकर्मियों को लगता है कि उनके वरिष्ठ उनका ख्याल रख रहे हैं.’’

उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने का कितना खतरा रहता है , इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पृथक-वास केंद्र, निजी और सरकारी अस्पतालों, निषिद्ध क्षेत्र से लेकर हर महत्वपूर्ण स्थानों पर उनकी तैनाती होती है. इन सबके साथ कानून-व्यवस्था भी बनाए रखना पड़ता है.

पुलिसकर्मी उन लोगों पर भी नजर रखते हैं जिन्हें घर में पृथक-वास रहने के लिए कहा जाता है.उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी यह महसूस करें कि उनका भी ख्याल रखा जा रहा है, इसके लिए विशेष आयुक्त स्तर के कई अधिकारियों को कर्मियों के कल्याण संबंधी विभिन्न पहलुओं पर गौर करने का जिम्मा सौंपा गया है.

दिल्ली पुलिस में 81,000 से अधिक कर्मी हैं. उन्होंने कहा कि पुलिसबल का मनोबल बनाए रखने के लिए उनके स्वास्थ्य की देखभाल पर जोर देना महत्वपूर्ण है.श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘खुद को कोरोना वायरस से बचाते हुए दिल्ली पुलिस दूसरों के लिए भी लड़ रही है. इसके साथ ही कानून-व्यवस्था भी बनाए रखना है, अपराध को रोकना तथा और दूसरे काम भी हैं.’’

इस साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगे को याद करते हुए आयुक्त ने कहा कि अतीत को देखते हुए सांप्रदायिक तनाव की आशंका हमेशा बनी रहती है. श्रीवास्तव ने फोन पर बताया, ‘‘फरवरी में दंगे हुए थे इसलिए हम करीबी नजर रखते हैं और कानूनी कदम उठा रहे हैं. बदल रहे घटनाक्रम पर भी करीब नजर रखी जाती है.’’

अपने विभाग के बारे में श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमें खास तौर पर बुजुर्ग लोगों का ध्यान रखने की जरूरत है जिनका स्वास्थ्य उतना ठीक नहीं रहता है या, अगर उन्हें मधुमेह जैसी कोई बीमारी हो….. इसलिए हम ऐसे लोगों पर खास ध्यान देते हैं. अगर कोई बीमार पड़ता है और अस्पताल जाता है तो हम यह सुनिश्चित करते हैं कि उनका ठीक से इलाज हो. यह हमारा पहला लक्ष्य है. ’’

अपने कर्मियों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए दिल्ली पुलिस ने 81,000 कर्मियों में से प्रत्येक को आयुष की आयुर्वेदिक दवाइयां दी है और दूसरे चरण में 15,000 कर्मियों को आयुर्वेदिक दवा दी गयी.

पुलिस आयुक्त ने प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अपने कर्मियों को होम्योपैथी की दवा भी लेने और व्यायाम तथा योग करने की सलाह दी .पुलिसकर्मियों को कार्यस्थल पर सामाजिक दूरी का पालन करने को भी कहा गया है.

उन्होंने कहा कि थाना, पीसीआर, यातायात और सशस्त्र पुलिस में तैनात कर्मियों के संबंध में विस्तृत एसओपी तैयार की गयी है .श्रीवास्तव ने कहा कि विभिन्न ऑनलाइन तरीके से भी वह अपने कर्मियों के साथ संपर्क में हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुद भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जमीनी स्तर पर पुलिसकर्मियों से बात करता रहता हूं. मैं अपने सभी अधिकारियों को अपने कर्मियों से संपर्क में रहने को कहता हूं.’’

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