निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को सरकार एक बड़ा तोहफा देने जा रही हैं। सरकार जल्द ही एक विधेयक लाने जा रही है जिसके सदन में पारित होते ही निजी क्षेत्र में लोगों को केंद्रीय कर्मचारियों की तरह ही 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलेगी। यह विधयेक बजट सत्र के अगले हिस्से में संसद में पेश किया जाएगा।
दरअसल सातवें वेतन आयोग की ग्रेच्युटी की सीमा को दस लाख से बढ़ाकर बीस लाख करने की सिफारिश के बाद केन्द्रीय श्रममंत्री बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में फैसला यह फैसला लिया गया। वहीँ कर्मचारी संगठनों ने भी ग्रेच्युटी के भुगतान के लिये कम-से-कम 10 कर्मचारियों के होने तथा पांच साल की सेवा की शर्तों को हटाने की भी मांग करते आ रहे है
मौजूदा नियमों के मुताबिक ग्रेच्युटी भुगतान कानून के तहत एक कर्मचारी ग्रेच्युटी के लिये तभी पात्र होता है जब वह किसी प्रतिष्ठानों में कम से कम पांच साल की सेवा पूरी कर चुका हो। साथ ही यह नियम उन सभी प्रतिष्ठानों में लागू होता है जहां कर्मचारियों की संख्या कम से कम 10 हो। साथ ही यह भी मांग की गई है कि अधिकतम राशि के संदर्भ में संशोधित प्रावधान एक जनवरी 2016 से प्रभाव में आने चाहिए जैसा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मामले में हुआ है।
कर्मचारी संगठन यह भी मांग कर रहें हैं कि सेवा के हर एक साल के लिये ग्रेच्युटी भुगतान को 15 दिन के वेतन से बढ़ाकर 30 दिन के वेतन के बराबर किया जाय। इस पर इन श्रमिक संगठनों ने कहा कि सरकार ने 15 फरवरी 2017 के पत्र के साथ ग्रेच्युटी कानून के भुगतान में संशोधन का जो प्रस्ताव दिया था, वह केवल कानून की धारा 4 (3) के तहत सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने से संबंधित था।