कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है. एक खबर के आधार पर अपने ऑफिशियल अकाउंट से ट्वीट करते हुए राहुल ने कहा कि राफेल के लिए भारत के खजाने से पैसा चुराया गया. उसके बाद उन्होंने महात्मा गांधी का एक कथन भी लिखा है… सच एक है, रास्ते कई हैं.
Money was stolen from the Indian exchequer in Rafale.
“Truth is one, paths are many.”
Mahatma Gandhihttps://t.co/giInNz3nx7— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 22, 2020
राहुल ने जो रिपोर्ट शेयर की है उसमें कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय ने राफेल डील से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी सीएजी को देने से मना कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने 59 हजार करोड़ रुपये में 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं को दिसंबर 2018 में खारिज कर दिया. साथ ही कहा था कि उसे इसमें कुछ गलत नजर नहीं आया. हालांकि इसके बाद भी राजनीतिक दोषारोपण का दौर जारी रहा. तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में, राफेल सौदे में रिश्वत के आरोप लगाये थे और इसे चुनावी मुद्दा बनाया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी ने विपक्ष पर भ्रष्टाचार के बेबुनियाद आरोप लगाकर देशहित से समझौता करने का इल्जाम लगाया. साथ ही कहा कि फ्रांसीसी विमान भारतीय वायु सेना की क्षमताओं को कई गुना बढ़ाएंगे. अधिकतर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी के आरोप मतदाताओं को अपनी ओर नहीं खींच सके और बीजेपी नीत राजग (एनडीए) अधिक बड़े जनादेश के साथ केंद्र में वापस आया.
NDA सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस की एरोस्पेस कंपनी दसाल्ट एविएशन के साथ 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था.
राफेल विमानों को आसमान में उनकी बेहतरीन क्षमता और लक्ष्य पर सटीक निशाना साधने के लिए जाना जाता है. करीब 23 साल पहले रूस से सुखोई विमानों की खरीद के बाद भारत ने पहली बार लड़ाकू विमानों की इतनी बड़ी खेप खरीदी है.इन विमानों को अलग-अलग किस्म के और अलग-अलग मारक क्षमता वाले हथियारों से लैस किया जा सकता है.
राफेल लड़ाकू विमानों को जिन मुख्य हथियारों से लैस किया जाएगा वे होंगे, यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीए की, दृष्टि सीमा से परे निशानों पर भी हवा से हवा में वार करने में सक्षम मेटयोर मिसाइल, स्कैल्प क्रूज मिसाइल और एमआईसीए हथियार प्रणाली.