मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कि मुश्किलें दिनों दिन बढती जा रही हैं । एक-एक करके सभी लोग केजरीवाल का साथ छोड़ते जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में वित्तमंत्री अरुण जेटली के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की तरफ से पैरवी कर रहे देश के प्रख्यात वकील राम जेठमलानी ने भी केजरीवाल का साथ छोड़ दिया है। अब वो यह केस नहीं लड़ेंगे। साथ ही जेठमलानी ने अपनी बकाया फीस 2 करोड़ रुपये भी मांग ली है। केजरीवाल यह पैसा सरकारी खजाने से देना चाहते थे परंतु एलजी ने अनुमति नहीं दी । जिसके चलते अब केजरीवाल को यह फीस अपनी जेब से देनी होगी।
दो दिन पहले मानहानि केस में केजरीवाल ने लिखित रूप से अदालत में जानकारी दी थी कि उन्होंने अपने वकील को किसी तरह के अपशब्द इस्तेमाल करने को नहीं कहे थे। इसी के बाद यह विवाद बढ़ गया। जेठमलानी ने सीएम को एक खत भी लिखा है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि केस पर निजी चर्चा के दौरान जेटली के खिलाफ केजरीवाल उनसे भी ज्यादा आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। जेठमलानी ने केजरीवाल से उनकी कानूनी फीस भी देने को कहा है। जेठमलानी की फीस 2 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
दिल्ली सरकार ने इससे पहले फरवरी में जेठमलानी की 3.5 करोड़ रुपए की फीस भरी थी। राम जेठमलानी केजरीवाल की तरफ से 11 बार अदालतों में पेश हुए। जेठमलानी ने इसके लिए 1 करोड़ रुपये का रिटेनर और प्रति सुनवाई 22 लाख रुपये की फीस ली थी।
25 जुलाई को इस मुकदमें की सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने हाई कोर्ट से कहा कि उन्होंने अपने वकील राम जेठमलानी से जेटली पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए नहीं कहा था। केजरीवाल ने कोर्ट से कहा कि उन्होंने जेठमलानी को पत्र लिखकर यह बात कही थी कि वे अपनी उस बात को वापस लें।